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    बंगाल में बुनियादी ढांचे, सड़क नेटवर्क समेत कई परियोजनाओं को मिलेगी रफ्तार, World Bank देगा 2500 करोड़ का कर्ज

    By Jagran NewsEdited By: Devshanker Chovdhary
    Updated: Sat, 19 Aug 2023 11:21 PM (IST)

    बंगाल की ममता सरकार विश्व बैंक से 2500 करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। ममता सरकार इस पूरे पैसे का उपयोग राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए करेगी। राज्य के वित्त विभाग के सूत्रों ने कहा कि ऋण राशि के उपयोग के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास का फोकस क्षेत्र राज्य में सड़क नेटवर्क और जल परिवहन प्रणालियों में सुधार होगा।

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    ममता सरकार विश्व बैंक से ले रही 2,500 करोड़ रुपये का कर्ज। (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की ममता सरकार विश्व बैंक से 2,500 करोड़ रुपये का कर्ज ले रही है। ममता सरकार इस पूरे पैसे का उपयोग राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए करेगी। राज्य के वित्त विभाग के सूत्रों ने कहा कि ऋण राशि के उपयोग के माध्यम से बुनियादी ढांचे के विकास का फोकस क्षेत्र राज्य में सड़क नेटवर्क और जल परिवहन प्रणालियों में सुधार होगा।

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    निर्यात में सुधार पर जोर

    वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सरकार अगले 10 वर्षों में राज्य से निर्यात में सुधार पर जोर देना चाहती है, जिसके लिए तत्काल पारगमन प्रणाली विकसित करना आवश्यक है। इसलिए, इस साल नवंबर में होने वाले आगामी बंगाल ग्लोबल बिजनेस समिट से पहले इस संबंध में काम शुरू हो जाएगा।

    कई क्षेत्रों का बदलेगा रूप

    अधिकारी ने कहा कि समग्र बुनियादी ढांचे के विकास के अलावा, ऋण राशि का उपयोग लॉजिस्टिक क्षेत्र में लगे लोगों के विशेष प्रशिक्षण के लिए किया जाएगा। राज्य सरकार ने पहले ही 930 किमी क्षेत्र को कवर करते हुए चार आर्थिक कॉरिडोर स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उसमें से 630 किमी का सबसे लंबा कॉरिडोर उत्तर बंगाल में होगा और बाकी तीन दक्षिण बंगाल में होंगे।

    बंगाल में निवेश को मिलेगा बढ़ावा

    अधिकारी ने कहा कि इन आर्थिक कॉरिडोर के विकास से राज्य सरकार संभावित निवेशकों को बंगाल को बेहतर तरीके से प्रदर्शित करने में सक्षम होगी। उद्योग पर्यवेक्षकों का मानना है कि हालांकि इस तरह की पहल निस्संदेह सकारात्मक कदम हैं, लेकिन बड़े निवेश को आकर्षित करने का कोई भी प्रयास तब तक सफल नहीं होगा, जब तक कि राज्य सरकार की भूमि और विशेष आर्थिक क्षेत्र नीतियों में बदलाव नहीं किया जाता।