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    'भारतीय मछुआरों को रस्सी से बांधकर डंडे से पीटा', बांग्लादेश पर ममता बनर्जी का बड़ा आरोप

    Updated: Mon, 06 Jan 2025 06:41 PM (IST)

    Mamata Banerjee बांग्लादेश की जेल से रिहा होकर लौटे बंगाल के 95 मछुआरों को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मछुआरों को बांग्लादेश की जेल में प्रताड़ित किया गया और उन पर शारीरिक अत्याचार किया गया। ममता ने कहा कि वापस लौटे मछुआरों में से कुछ को बांग्लादेश की जेल में बहुत मार-पीटा गया।

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    ममता बनर्जी ने बांग्लादेशी जेल से रिहा हुए 95 मछुआरों को सम्मानित करने के दौरान संबोधित किया। (Photo- PTI)

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बांग्लादेश की जेल से रिहा होकर स्वदेश लौटे राज्य के 95 मछुआरों से सोमवार को गंगासागर में मुलाकात के बाद बड़ा आरोप लगाया कि पड़ोसी देश में भारतीय मछुआरों पर शारीरिक अत्याचार किया गया।

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    ममता ने कहा कि वापस लौटे मछुआरों में से कुछ को बांग्लादेश की जेल में बहुत मार-पीटा गया। मुझे पता चला है कि रस्सियों से बांधकर मोटे डंडे से उन्हें पीटा गया। परिणामस्वरूप कुछ मछुआरों को कमर से पैर तक काफी शारीरिक चोटें आई है। उन्हें चलने-फिरने तक में दिक्कत आ रही है। उन्होंने जिलाधिकारी (डीएम) को मछुआरों का उचित इलाज कराने का निर्देश दिया।

    मछुआरों को दी आर्थिक सहायता

    गंगासागर मेले की तैयारियों का जायजा लेने सागरद्वीप के दौरे पर गईं। मुख्यमंत्री ने वहां मछुआरों से मुलाकात कर उन्हें सम्मानित किया। सम्मान समारोह में ममता ने बांग्लादेश से लौटे प्रत्येक मछुआरों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी प्रदान की। एक दिन पहले रविवार को बांग्लादेश ने 95 भारतीय मछुआरों को भारत को सौंपा था, जबकि बदले में भारत ने भी 90 बांग्लादेशी मछुआरों को रिहा किया। बांग्लादेश के जलक्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में पिछले साल अक्टूबर में इन मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था। उनमें से ज्यादातर मछुआरे बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले में गंगासागर के आसपास काकद्वीप और नामखाना के रहने वाले हैं।

    ममता ने स्वदेश लौटे मछुआरों को संबोधित करते हुए कहा कि मेरे 95 भाई, जो गलती से सीमा पार कर बांग्लादेश चले गए थे, उन्हें हम बड़ी मुश्किल से वापस ला पाए हैं। एक समय था जब मछुआरों के समुद्र में लापता होने, पकड़े जाने आदि का कोई रिकॉर्ड नहीं रखा जाता था, लेकिन हमारी सरकार आने के बाद हमने उन्हें एक पहचान पत्र (कार्ड) दिया। उस कार्ड का महत्व यह है कि यदि कोई मछली पकड़ते समय खो जाता है कि तो हम उन्हें ट्रैक कर सकते हैं। ममता ने कहा कि मुझे उनके कार्ड से पता चला कि वे बांग्लादेश की सीमा में चले गए हैं, जो उन्हें ट्रैक करने के लिए दिए गए हैं। इसके बाद उनकी वापसी के लिए मैंने केंद्र के साथ संवाद शुरू किया।

    मछुआरों से सीमा पार नहीं करने की अपील

    ममता ने कहा कि कई बार नदी-समुद्र में सीमा दिखाई नहीं देती है, लेकिन मैं मछुआरों से आग्रह करती हूं कि कभी अंतरराष्ट्रीय जल सीमा पार न करें। पहले जिंदगी जिएं। जान रहेगी तो बहुत सारी मछलियां मिलेंगी। ममता ने पूछा कि इन दो महीनों की जेल में क्या आपके परिवार को कष्ट नहीं हुआ? आपको तकलीफ नहीं हुई। इसलिए सीमा पार न करें।

    बांग्लादेशी मछुआरों का किया जाता है अच्छे से देखभाल

    ममता ने इस दौरान उल्लेख किया कि बांग्लादेश का ट्रालर (जहाज) भी जल सीमा पार कर इस देश में आ गया था। बांग्लादेशी मछुआरों को भी वापस भेज दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में बांग्लादेशी मछुआरों के साथ अच्छा व्यवहार किया जाता है। उनकी बेहतर देखभाल की जाती है। बांग्लादेश का एक ट्रालर भी यहां फंस गया था तो हमने पूरी मदद की। उसपर सवार चालक दल आदि को अच्छे से रखा, ताकि देश या बंगाल की बदनामी न हो। मैं चाहती हूं कि दोनों देशों की दोस्ती बनी रहे।