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    शक्तियों पर एक वर्ग का नियंत्रण होता जा रहा, यह देश को अध्यक्षीय शासन-व्यवस्था की ओर ले जा सकता है : ममता

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Sun, 30 Oct 2022 11:12 PM (IST)

    ममता ने कहा कि जब लोग हर तरीके से उम्मीद खो देते हैं तो वे न्याय के लिए अदालतों में जाते हैं। उन्होंने नए विधि स्नातकों से कानून और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह भी किया।

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    वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी आफ ज्यूरीडिकल साइंसेज के दीक्षांत समारोह में बोलीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को दावा किया कि शक्तियां लोगों के एक वर्ग के हाथों में केंद्रित होती जा रही है, जो देश को अध्यक्षीय शासन-व्यवस्था की ओर ले जा सकता है। ममता ने यहां वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी आफ ज्यूरीडिकल साइंसेज (एनयूजेएस) के 14वें दीक्षांत समारोह में बोलते हुए न्यायपालिका से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि देश का संघीय ढांचा अक्षुण्ण बना रहे। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा, सभी लोकतांत्रिक शक्तियां लोगों के एक वर्ग के हाथों में केंद्रित होती जा रही है; यह देश को अध्यक्षीय शासन-व्यवस्था की ओर ले जा सकता है।

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    ममता दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि थीं। विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित भी इस अवसर पर उपस्थित थे। ममता ने इस दौरान पूरे कानून बिरादरी का उनके अमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया।

    हमारी इज्जत ही हमारा सम्मान है: ममता

    ममता ने दावा किया कि लोगों को ‘अनावश्यक’ परेशान किया जा रहा है। उन्होंने विभिन्न मामलों में मीडिया ट्रायल का आरोप लगाते हुए (लोकतंत्र के) चौथे स्तंभ को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि न्यायपालिका के फैसला सुनाने से पहले ही लोगों के खिलाफ आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमारी इज्जत ही हमारा सम्मान है। अगर इसे छीन लिया जाए तो यह वापस नहीं आ सकता।’’

    ममता ने कहा कि जब लोग हर तरीके से उम्मीद खो देते हैं तो वे न्याय के लिए अदालतों में जाते हैं। उन्होंने नए विधि स्नातकों से कानून और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखने का आग्रह भी किया। माकपा के राज्यसभा सांसद विकास भट्टाचार्य ने कहा कि कानून लागू करने वाली एजेंसियों ने विभिन्न मामलों में कथित भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के खिलाफ कार्रवाई की है और इसे ‘‘सम्मान छीनना’’ नहीं कहा जा सकता है।

    पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया कि “न्यायिक प्रणाली पर अप्रत्यक्ष रूप से दबाव बनाने” का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘‘वंचित लोग न्याय पाने के लिए अदालतों का दरवाजा खटखटा रहे हैं।’’ तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी ने केवल आम लोगों के विचार व्यक्त किए हैं।

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    BJP के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नहीं जानती कि लोकतंत्र क्या है। मजूमदार ने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में भाजपा पार्टी के कार्यकर्ताओं को तंग किया जाता है और मारपीट की जाती है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘बंगाल के लोग पिछले 11-12 साल से देख रहे हैं कि किस तरह राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था को अगवा किया गया है।’’

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