महाकुंभ का गंगासागर मेले पर दिख रहा भारी असर, इस साल कम हो रही श्रद्धालुओं की भीड़; बंगाल सरकार ने किया ये दावा
बंगाल के गंगासागर मेले में इस बार श्रद्धालुओं की भीड़ पहले जैसे नजर नहीं आ रही है। माना जा रहा है कि प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के वजह से गंगासागर मेले में लोग नहीं पहुंच रहे हैं। मकर संक्रांति पर तीर्थयात्रियों के पुण्य स्नान के लिए गंगासागर सज-धज कर तैयार है। राज्य सरकार ने कई बसों को भी चलाया है।

विशाल श्रेष्ठ, जागरण, गंगासागर। प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ का गंगासागर मेले पर भारी असर पड़ता दिख रहा है। मकर संक्रांति पर तीर्थयात्रियों के पुण्य स्नान के लिए गंगासागर सज-धज कर तैयार है। बंगाल सरकार की ओर से तमाम इंतजाम किए गए हैं, लेकिन इस बार यहां पहले जैसी भीड़ नहीं दिख रही।
तीर्थयात्रियों के लिए 2,250 सरकारी व 250 निजी बसें चलाई जा रही हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर खाली दौड़ रही हैं। यही हाल तीर्थयात्रियों को विशाल मूड़ी गंगा नदी पार कराकर गंगासागर पहुंचाने वाले स्टीमरों का है। सरकार की ओर से 32 बड़े व 120 छोटे स्टीमर चलाए जा रहे हैं। उनके लिए अभी न तो लंबी कतारें लग रही हैं और न ही नदी पार करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।
गंगासागर मेले के लिए तमाम व्यवस्थाएं
गंगासागर में तीर्थयात्रियों के ठहरने के लिए राज्य सरकार व विभिन्न सामाजिक संस्थाओं की ओर से तैयार किए गए यात्री निवास भी इस समय आधे से भी ज्यादा खाली हैं। भीड़ संभालने के लिए तैनात किए गए पुलिसकर्मियों व स्वयंसेवकों को भी फिलहाल कोई मशक्कत करनी नहीं पड़ रही, यानी गंगासागर आने-जाने में तीर्थयात्रियों को हर बार जितनी परेशानी झेलनी पड़ती है, इस बार उससे राहत है।
(फोटो- बिमल कर्मकार)
व्यवसायियों में छा रही निराशा
स्थानीय व्यवसायियों में इसे लेकर निराशा है। गंगासागर मेला उनके लिए कमाई का एक बड़ा साधन भी है। गंगासागर मेले में गर्म कपड़ों का स्टाल लगाने वाले रुद्रनगर इलाके के मोहन पाल ने कहा कि प्रयागराज में 12 वर्ष साल बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है इसलिए अधिकांश तीर्थयात्री उसे प्राथमिकता दे रहे हैं। इस कारण यहां भीड़ कम है। इससे हमारा व्यापार प्रभावित हो रहा है। चूंकि मकर संक्रांति में अभी दो दिन बचे हैं इसलिए उम्मीद करते हैं कि भीड़ बढ़ेगी।
बंगाल सरकार का दावा अलग
इस बीच गंगासागर मेले के आयोजन का दायित्व पश्चिम बंगाल सरकार में खेल मंत्री अरूप विश्वास निभा रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि एक जनवरी से लेकर 12 जनवरी की शाम पांच बजे तक 42 लाख लोग गंगासागर आकर पुण्य स्नान कर चुके हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कुंभ का गंगासागर मेले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा और इस बार यहां भीड़ का नया रिकॉर्ड बनेगा। बंगाल सरकार के आंकड़ों के मुताबिक पिछले साल गंगासागर में एक करोड़ 10 लाख लोगों ने पुण्य स्नान किया था।
महाकुंभ का कितना असर गंगासागर मेले पर
मंत्री ने केंद्र पर गंगासागर मेले की उपेक्षा करने का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र कुंभ पर करोड़ों रुपये खर्च कर रहा है जबकि गंगासागर मेले के लिए एक पैसा नहीं दिया गया है। इसे अब तक राष्ट्रीय मेले का दर्जा भी नहीं दिया गया है।
गंगासागर में यूपी के तीर्थंयात्री की मौत
गंगासागर में पुण्य स्नान करने आए उत्तर प्रदेश के एक तीर्थयात्री की स्वाभाविक मौत हो गई। मृतक का नाम अवधेश तिवारी (59) है। प्रशासन की ओर से मौत के कारण का उल्लेख नहीं किया गया है। दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के दो तीर्थंयात्रियों की तबीयत खराब होने पर उन्हें गंगासागर से एयरलिफ्ट करके कोलकाता के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। उनके नाम ठाकुर दास (70) व राजकुमार पंडित (20) हैं।
बांग्लादेशियों की घुसपैठ को लेकर राज्य सरकार सतर्क
गंगासागर मेले की आड़ में बांग्लादेशियों की घुसपैठ की आशंका को देखते हुए राज्य सरकार बेहद सतर्क है। मंत्री अरूप बिश्वास ने बताया कि गंगासागर के सभी प्रवेश केंद्रों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता से गंगासागर की स्थिति की नियमित तौर पर जानकारी ले रही हैं। नौसेना व तटरक्षी बल को जलमार्गों पर कड़ी निगरानी रखने को कहा गया है।
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