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    एडीएस की नाक तले नशाखुरान का शिकार बना यात्री

    By JagranEdited By:
    Updated: Sat, 24 Mar 2018 02:59 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, हावड़ा : नशाखुरानी की वारदातों पर अंकुश लगाने का दम भरने वाली हावड़ा अ ...और पढ़ें

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    एडीएस की नाक तले नशाखुरान का शिकार बना यात्री

    जागरण संवाददाता, हावड़ा : नशाखुरानी की वारदातों पर अंकुश लगाने का दम भरने वाली हावड़ा आरपीएफ के एंटी ड्रगिंग स्क्वायड (एडीएस) की नाक तले ही एक नशाखुरान ने जनसाधारण एक्सप्रेस में एक यात्री को अपना निशाना बनाया। वह उसे नशीली खैनी खिलाकर उसका बैग लेकर चंपत हो गया, जिसमें 20 हजार नगदी, मोबाइल व अन्य सामान रखा हुआ था। मधुपुर में यात्री को आधी बेहोशी की हालत में उतारकर रेलवे अस्पताल में उसका उपचार कराया गया। जीआरपी ने मुकदमा दर्ज कर जांच के लिए मामले को हावड़ा रेफर कर दिया। सूत्रों के अनुसार पूर्वी चंपारण (मोतिहारी) जिले के पहाड़पुर थानांतर्गत बलुआ शोहरैयां गांव का रहने वाला राजू कुमार राम (24), पुत्र छत्री राम दक्षिण भारत में एक निजी कंपनी में काम करता है। गत बुधवार सुबह वह किसी ट्रेन से राजमुंदरी से हावड़ा पहुंचा था। मुजफ्फरपुर जाने के लिए राजू हावड़ा के प्लेटफार्म नंबर 10 से रवाना होने वाली 15271 अप जनसाधारण एक्सप्रेस में सवार हुआ था। राजू के अनुसार ट्रेन रवाना होने से पूर्व एक व्यक्ति भी उसके पास आकर बैठ गया और उसके साथ बातचीत करने लगा था। सुबह करीब 11.05 बजे ट्रेन छूटते ही उसे नींद आने लगी तो उक्त अज्ञात व्यक्ति ने नींद भगाने के लिए उसे खैनी बनाकर दी। खैनी खाने के कुछ समय बाद वह अ‌र्द्धबेहोशी की हालत में पहुंच गया था। आसनसोल के पास अन्य यात्रियों ने उसे जगाया तो सीट के नीचे रखा उसका बैग गायब था जिसमें 20 हजार रुपये, मोबाइल फोन, कपड़े आदि रखे हुए थे। किसी तरह उसने मधुपुर स्टेशन में उतरकर आरपीएफ को घटना की जानकारी दी। इसके बाद राजू को अ‌र्द्धबेहोशी की अवस्था में रेलवे अस्पताल ले जाया गया। होश आने पर उसकी शिकायत पर मधुपुर जीआरपी ने 379/328 आइपीसी में मुकदमा दर्ज कर लिया। घटनास्थल हावड़ा जीआरपी के क्षेत्र में होने के कारण मामले को रेफर कर दिया गया।

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    एडीएस की नई टीम, फिर भी लुट रहे यात्री

    ट्रेन यात्रियों को नशाखुरानियों का शिकार बनने से बचाने के लिए आनन-फानन में एडीएस की पुरानी टीम में फेरबदल कर नई टीम का गठन किया गया था, लेकिन इसका खासा असर नहीं पड़ा। यही वजह है कि एडीएस के कारिंदे प्लेटफार्म पर ड्यूटी बजाते रहे और नशाखुरान यात्रियों को शिकार बनाने रहे। बता दें कि एकाएक हावड़ा स्टेशन और ट्रेनों में नशाखुरानों की वारदातें बढ़ने के बाद एडीएस के मुखिया की पैरवी पर 30 अगस्त, 2017 में नई टीम का गठन किया गया था। इसके बाद ही सितंबर में न्यू काम्प्लेक्स में नशाखुरानों ने यात्रियों को निशाना बना लिया था। गत वर्ष 21 अक्टूबर मोकापा फास्ट पैसेंजर में 2 यात्रियों को नशाखुरानों ने लूट लिया था। जसीडीह में उक्त दोनों यात्रियों को उतारकर अस्वस्थ बता दिया गया था। इसके बाद गत 4 नवंबर को एक बार फिर 53049 अप मोकामा पैसेंजर में 2 यात्रियों को नशीला पदार्थ खिलाकर लूट लिया गया था जबकि एडीएस के कारिंदों को इसकी भनक तक नहीं लगी थी या यूं कहिए कि वारदातों को दबा दिया गया था। गत वर्ष 11 सितंबर की सुबह भी नशाखुरान प्लेटफार्म पर सक्रिय थे लेकिन एडीएस इससे अंजान थी। जनरल कोच की लाइन में लगे एक पीड़ित ने नशाखुरान गिरोह के एक सदस्य को पहचान लिया था और चुपचाप जाकर आरपीएफ बूथ में इसकी जानकारी दे दी थी। इसके बाद सक्रिय हुई आरपीएफ ने गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया था।

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    नशाखुरान की घटना सामने आई है। एडीएस की टीम को और सक्रिय किया जाएगा। खासकर ट्रेनों के जनरल कोच में निगाह रखने के निर्देश दिए जाएंगे।

    -अमरेश कुमार

    सीनियर डीएससी (आरपीएफ)

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