Kolkata: आरजी कर अस्पताल में अब नया बवाल, इलाज के अभाव में युवक की मौत; TMC ने डॉक्टरों पर ही फोड़ दिया ठीकरा
RG Kar Hospital कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और हत्या की जघन्य घटना के बाद देशभर में उठी आक्रोश की आंधी अभी शांत भी नहीं हुई थी कि अब अस्पताल में नया बवाल खड़ा हो गया है। इस बार मामला एक युवक की मौत से जुड़ा है। हालांकि इस बार टीएमसी ने ठीकरा डॉक्टरों पर ही फोड़ दिया है। जानिए क्या है पूरा मामला।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। प्रशिक्षु महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद चर्चा में आए कोलकाता के सरकारी आरजी कर मेडिकल कालेज और अस्पताल में अब सड़क हादसे में जख्मी एक युवक की मौत से हंगामा हो गया। अस्पताल के डॉक्टरों पर युवक के इलाज में देरी का आरोप लगा है।
परिवार का दावा है कि इलाज के अभाव में उसकी मौत हो गई। तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी युवक को समय पर इलाज नहीं मिलने का दावा करते हुए उसकी मौत के लिए जूनियर डॉक्टरों के धरने व विरोध-प्रदर्शन को जिम्मेदार ठहराया है।
क्या है मामला?
यह घटना गुरुवार की है। हुगली जिले के कोन्नगर के रहने वाले युवक बिक्रम भट्टाचार्य (28) को गुरुवार सुबह एक ट्रक ने कुचल दिया था। पहले उसे श्रीरामपुर अस्पताल ले जाया गया, पर हालत गंभीर होने के कारण डॉक्टरों ने उसे कोलकाता के आरजी कर में रेफर कर दिया। यहां गुरुवार आधी रात में उसकी मौत हो गई। दोपहर करीब 12.40 बजे उसे आरजी कर लाया गया था।
'डॉक्टर नहीं थे मौजूद'
मृतक की मां कविता का आरोप है आरजी कर में लाने पर इमरजेंसी में डॉक्टर मौजूद नहीं थे, जिसके कारण इलाज में देरी हुई और बाद में उसकी मौत हो गई। कविता के मुताबिक बहुत समय बर्बाद हो गया। उस समय के अंदर उसकी सर्जरी पूरी हो जानी चाहिए थी, लेकिन वहां कोई डॉक्टर उपलब्ध नहीं था। इमरजेंसी में भी डॉक्टर नहीं थे।
हालांकि, आरजी कर के अधिकारियों ने परिवार के दावों का खंडन किया है। उन्होंने दावा किया कि बिक्रम को आरजी कर में लाए जाने के तुरंत बाद ट्रामा केयर ले जाया गया। उसके दो अंगों में गंभीर चोट थी। इसके अलावा सिर पर भी गंभीर चोट थी। उसे सीटी स्कैन के लिए ले जाया गया। बिक्रम को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी और उसकी मौत हो गई।
अभिषेक ने जूनियर डॉक्टरों को घेरा
इस घटना पर तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने एक्स पर लिखा, 'कोन्नगर के एक युवा लड़के ने अपनी जान गंवा दी। उसे तीन घंटे तक बिना किसी इलाज के रहना पड़ा और इस दौरान उसका खून बहता रहा। यह आरजी कर की घटना के जवाब में डॉक्टरों के विरोध-प्रदर्शन का नतीजा है।'
उन्होंने आगे कहा, 'जूनियर डॉक्टरों की मांगें उचित और वैध दोनों हैं। मैं उनसे इस तरह से विरोध करने का आग्रह करता हूं, जिससे जरूरी चिकित्सा सेवाएं बाधित न हों। रोक सकने लायक लापरवाही के कारण किसी की मौत होना हत्या के समान है। अगर विरोध जारी रखना है, तो इसे रचनात्मक तरीके से, सहानुभूति और मानवता के साथ किया जाना चाहिए, यह सुनिश्चित करते हुए कि निष्क्रियता या उपेक्षा के कारण किसी और की जान जोखिम में न पड़े।'

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