प्रदर्शनकारी डॉक्टर और ममता बनर्जी के बीच नहीं हो पाई बैठक, लाइव टेलिकास्ट की मांग पर किया मना; छिड़ी बहस
जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक के सीधे प्रसारण पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तर्क पर जोरदार बहस छिड़ गई है। मालूम हो कि आरजी कर कांड को लेकर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर गुरुवार को मुख्य सचिव के बुलावे पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने राज्य सचिवालय पहुंचे थे। उन्होंने बैठक के सीधे प्रसारण की मांग की थी। मुख्यमंत्री ने इससे इनकार करते हुए तर्क दिया है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता: जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक के सीधे प्रसारण पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के तर्क पर जोरदार बहस छिड़ गई है। मालूम हो कि आरजी कर कांड को लेकर हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर गुरुवार को मुख्य सचिव के बुलावे पर मुख्यमंत्री के साथ बैठक करने राज्य सचिवालय पहुंचे थे। उन्होंने बैठक के सीधे प्रसारण की मांग की थी।
मुख्यमंत्री ने इससे इन्कार करते हुए कहा था कि क्योंकि यह मामला सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है इसलिए अदालत के निर्देशानुसार इसका सीधा प्रसारण नहीं हो सकता।
बैठक की वीडियो रिकार्डिंग पर की बात
मुख्यमंत्री ने इसके बदले बैठक की वीडियो रिकार्डिंग की बात कही थी, जिसपर जूनियर डॉक्टर राजी नहीं हुए थे और अंतत: बैठक नहीं हो पाई। सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति जस्टिस अशोक कुमार गांगुली ने ममता के तर्क पर कहा-'यदि विचाराधीन मामलों पर चर्चा हो सकती है, उन्हें रिकार्ड किया जा सकता है तो सीधे प्रसारण पर आपत्ति क्यों होगी?
'वह उनकी अपनी दिमागी उपज है'
मुख्यमंत्री ने इसे लेकर जो तर्क दिया है, वह उनकी अपनी दिमागी उपज है। कानून में ऐसी किसी बात का उल्लेख नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने पर्यवेक्षण में कहा है कि राज्य सरकार व जूनियर डाक्टरों में बातचीत के जरिए गतिरोध का समाधान हो। बातचीत किस तरह से होगी, इस बारे में सुप्रीम कोर्ट ने कुछ नहीं कहा है।
'एक के बाद एक शर्त थोपी जा रही है'
वहीं जाने-माने अधिवक्ता व माकपा के राज्यसभा सदस्य विकास रंजन भट्टाचार्य ने भी कहा-'बैठक के सीधे प्रसारण को लेकर कोई कानूनी बाध्यता नहीं थी। दरअसल मुख्यमंत्री अपनी पटकथा के अनुसार बैठक नहीं हो पाने की आशंका भांपकर इसके सीधे प्रसारण के लिए राजी नहीं हुई थीं। प्रशासनिक बैठकों का सीधा प्रसारण होता है, फिर इसमें समस्या क्या थी?
दूसरी तरफ वरिष्ठ अधिवक्ता व तृणमूल कांग्रेस सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा-'किसी कानून में यह भी नहीं लिखा है कि बैठक का सीधा प्रसारण बाध्यतामूलक है। जिद करके एक के बाद एक शर्त थोपी जा रही है। यह एक तरह से सौदेबाजी की राजनीति है। बैठक के सीधे प्रसारण की क्या जरुरत है? फिर तो यह बैठक ब्रिगेड परेड ग्राउंड में कराई जानी चाहिए।
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