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    कोलकाता में गीता पाठ के दौरान चिकन पैटीज बेचने वाले की पिटाई, तीन आरोपी गिरफ्तार

    Updated: Thu, 11 Dec 2025 01:19 PM (IST)

    कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड में 'गीता पाठ' कार्यक्रम के दौरान एक पैटीज विक्रेता के साथ कथित तौर पर मारपीट की गई और उसकी ठेला-गाड़ी तोड़ दी गई। वकी ...और पढ़ें

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    कोलकाता में गीता पाठ के दौरान मारपीट (सोशल मीडिया)

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। कोलकाता पुलिस ने शहर में हाल ही में आयोजित एक गीता पाठ कार्यक्रम में दो चिकन पैटी विक्रेताओं पर हमला करने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मैदान पुलिस थाने में दर्ज कराई गई दो शिकायतों के आधार पर बुधवार रात को गिरफ्तारियां की गईं। तीनों व्यक्ति सात दिसंबर को ब्रिगेड परेड ग्राउंड में ‘सनातन संस्कृति संसद’ द्वारा आयोजित गीता पाठ कार्यक्रम में भाग लेने गए थे।

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    वीडियो वायरल पर पुलिस ने की कार्रवाई

    कोलकाता के तपसिया इलाके और हुगली जिले के आरामबाग के रहने वाले शिकायतकर्ता चिकन पैटी बेचने के लिए कार्यक्रम स्थल पर गए थे। शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया कि युवकों के एक समूह ने उन्हें रोका, धार्मिक आयोजन में मांसाहारी व्यंजन बेचने पर सवाल उठाए और मारपीट की।’ हमलावरों ने कथित तौर पर उनका सारा सामान फेंक दिया और उन्हें कान पकड़कर उठक-बैठक करने के लिए मजबूर किया। इस घटना का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर आया। पुलिस ने बताया कि फुटेज की जांच के बाद शिकायतों के आधार पर गिरफ्तारियां की गईं।

    इतनी बड़ी माबलिंचिंग बर्दाश्त नहीं

    बता दें कि मारपीट के अगले ही दिन वकील और माकपा नेता सायनबनर्जी ने मैदान थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। साथ ही उन्होंने कलकत्ता हाई कोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर दी थी। याचिका में कहा गया है कि शहर के बीचों-बीच इतनी बड़ी भीड़ हिंसा (माबलिंचिंग) बर्दाश्त नहीं की जा सकती।

    याचिका में सायनबनर्जी ने लिखा था कि गरीब और असंगठित क्षेत्र का यह विक्रेता पूरी तरह असहाय था। भीड़ ने बिना किसी सुबूत या उकसावे के उसकी आजीविका छीन ली। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के तहसीनपूनावाला मामले का हवाला देते हुए कहा कि भीड़ द्वारा हिंसा और हत्या पर सख्त दिशानिर्देश पहले से मौजूद हैं, लेकिन बंगाल पुलिस उन्हें लागू करने में नाकाम रही है।

    शहर के बीचों-बीच ऐसी घटना पर संज्ञान ले सरकार

    वहीं, लोगों का कहना है कि धार्मिक आयोजन के नाम पर अगर कोई भी व्यक्ति कानून अपने हाथ में ले सकता है, तो लोग सुरक्षित कैसे रहेंगे? सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कोर्ट इस याचिका पर जल्द सुनवाई करने वाला है।