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    कलकत्ता HC ने ममता सरकार से पूछा- हनुमान जयंती पर शांति व सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे?

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Wed, 05 Apr 2023 12:58 PM (IST)

    पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में रिसड़ा और शिवपुर में हाल में हुई हिंसा मामले को लेकर एक रिपोर्ट पेश की। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आगामी हनुमान जयंती को देखते हुए राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं।

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    कलकत्ता HC ने ममता सरकार से पूछा- हनुमान जयंती पर शांति व सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे?

    कोलकाता, एजेंसी। पश्चिम बंगाल सरकार ने कलकत्ता हाई कोर्ट में रिसड़ा और शिवपुर में हाल में हुई हिंसा मामले को लेकर एक रिपोर्ट पेश की। हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आगामी हनुमान जयंती को देखते हुए राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं। अदालत ने राज्य सरकार से कहा कि वह राज्य में विश्वास बहाली के लिए अर्धसैनिक बलों की तैनाती का अनुरोध कर सकती है।

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    कलकत्ता HC ने बंगाल सरकार को दिया निर्देश

    कलकत्ता HC ने बंगाल सरकार को हनुमान जयंती समारोह के दौरान शांति बनाए रखने में पुलिस की सहायता के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने का निर्देश दिया है।

    आम जनता को आश्वस्त करने का दिया निर्देश

    कलकत्ता हाई कोर्ट ने कहा कि हाल के दिनों में हुई घटनाओं को देखते हुए आम जनता को आश्वस्त करने का आदेश दिया जा रहा है कि वे सुरक्षित हैं और किसी तरह की गड़बड़ी से प्रभावित नहीं होंगे। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और हिरणमय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार को हनुमान जयंती की रैलियां निकालने पर किसी भी तरह की शांति भंग से बचने के लिए केंद्रीय बलों की मांग करने का निर्देश दिया है।

    सुवेन्दु अधकारी की जनहित याचिका पर दिया आदेश

    अदालत ने केंद्र को राज्य से अनुरोध प्राप्त होने पर ऐसी तैनाती के लिए त्वरित व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है। महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने अदालत को बताया कि राज्य में हनुमान जयंती रैलियां आयोजित करने के लिए पुलिस को करीब 2,000 आवेदन मिले हैं। यह आदेश पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेन्दु अधकारी द्वारा दायर जनहित याचिका पर आया है।

    हाई कोर्ट ने मांगी थी रिपोर्ट

    बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार को पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के रिसड़ा में रामनवमी के जुलूस से शुरू हुई हिंसा पर रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया था। कलकत्ता उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवज्ञानम और हिरणमय भट्टाचार्य की पीठ ने राज्य सरकार को इस संबंध में एक पूरक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया, जिसमें रिसड़ा में हिंसा के कारणों के बारे में जानकारी मांगी गई थी।

    सुवेंदु अधिकारी ने पुलिस पर लगाया आरोप

    वहीं, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पुलिस धारा-144 लगाने के नाम पर पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और लोकसभा सदस्य सुकांत मजूमदार सहित राज्य के भाजपा नेताओं को रिसड़ा पहुंचने से रोक रही है, लेकिन पुलिस तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को अनुमति दे रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस दो पक्षों के लिए दो तरह के नियम लागू नहीं कर सकती है।

    बंगाल के राज्यपाल ने कही थी कार्रवाई की बात

    इससे पहले राज्य में हुई हिंसा को लेकर बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा था कि तनाव पैदा करने के लिए जिम्मेदार किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। लोगों की सुरक्षा से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है।