Kolkata: 'हमें सीबीआई पर भरोसा नहीं', BJP कार्यकर्ता के परिवार ने क्यों उठाए जांच पर सवाल
Kolkata कोलकाता में आरजी कर पीड़ित के परिवार के बाद अब भाजपा कार्यकर्ता के परिवार ने भी सीबीआई जांच पर सवाल उठाए हैं। मृतक कार्यकर्ता के भाई ने आरोप लगाया कि सीबीआई की लापरवाही के कारण उनके भाई की हत्या मामले में आरोपितों को जमानत मिल रही है। हमें अब सीबीआई पर भरोसा नहीं है। पढ़ें क्या है पूरा मामला।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। सरकारी आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार महिला डॉक्टर के माता-पिता के बाद अब 2021 के बंगाल विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद हुई हिंसा में मारे गए भाजपा नेता अभिजीत सरकार के परिवार ने भी सीबीआई जांच पर अविश्वास जताया है। अभिजीत के भाई विश्वजीत सरकार ने आरोप लगाया कि सीबीआई की लापरवाही के कारण उनके भाई की हत्या मामले में आरोपितों को जमानत मिल रही है। हमें अब सीबीआई पर भरोसा नहीं है।
विश्वजीत ने यह भी सवाल उठाया कि तीन साल बाद भी सीबीआई मामले में पूरक आरोपपत्र क्यों नहीं जमा दे पाई है? गौरतलब है कि 2021 विधानसभा चुनाव नतीजे के बाद कोलकाता के बेलेघाटा इलाके में भाजपा नेता अभिजीत सरकार की हत्या कर दी गई थी। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर हत्या का आरोप है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।
भाजपा प्रवक्ता ने भी जताई निराशा
इधर, भाई द्वारा सीबीआई के प्रति अविश्वास जताने के सवाल पर प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता व राज्यसभा सदस्य शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि हम भी इस मुद्दे पर परेशान हैं। हमें परिवार के प्रति सहानुभूति है। हालांकि हमने सीबीआई पर भरोसा नहीं खोया है, बल्कि हम जांच की प्रगति से निराश हैं, लेकिन हमें अदालत पर भरोसा है। हमें विश्वास है कि हमारे कार्यकर्ता की हत्या मामले में न्याय होगा।
आरजी कर पीड़ित के परिवार ने खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
बता दें कि इससे पहले कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में अपनी चिकित्सक बेटी के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या की जांच फिर से करने की मांग को लेकर पीडि़ता के माता-पिता ने दो दिन पहले कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने चल रही जांच से असंतोष और सीबीआई पर अविश्वास व्यक्त किया है। उनका दावा है कि अदालत को तुरंत हस्तक्षेप करना चाहिए और नए सिरे से जांच करानी चाहिए, अन्यथा उन्हें डर है कि स्थिति नियंत्रण से बाहर हो सकती है। उन्होंने संदेह जताया है कि इस जांच के नाम पर सारे सबूत गायब हो गए हैं।

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