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    कपिल सिब्बल ने केंद्र पर कसा तंज, कहा- राज्‍यपाल व केंद्रीय एजेंसियां बन गईं हैं इनके लंबे हाथ

    By Sumita JaiswalEdited By:
    Updated: Sat, 16 Jul 2022 06:18 PM (IST)

    सिब्बल ने संसद में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के हालिया आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि ‘यह अस्वीकार्य है।’ सिब्बल ने कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़ दी थी और वर्तमान में समाजवादी पार्टी(सपा) समर्थित निर्दलीय राज्यसभा सदस्य हैं

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    कांग्रेस के पूर्व नेता और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कांग्रेस के पूर्व नेता और राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने शनिवार को कहा कि भाजपा के शासन में देश सहकारी संघवाद से ‘जबरन एकपक्षवाद’ की ओर बढ़ गया है। सिब्बल ने संसद में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के हालिया आदेश की आलोचना करते हुए कहा कि ‘यह अस्वीकार्य है।’ सिब्बल ने कुछ महीने पहले कांग्रेस छोड़ दी थी और वर्तमान में समाजवादी पार्टी(सपा) समर्थित निर्दलीय राज्यसभा सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे का ह्रास हो रहा है और ‘संविधान को महज सत्ता के लिए विकृत किया जा रहा है।’ सिब्बल ने संघवाद पर एक सेमिनार ‘द डिस्कोर्स 2022’ को संबोधित करते हुए कहा कि योजना आयोग जहां राज्य अपने विचार और मांग रख सकते थे, उसे नीति आयोग में बदल दिया गया है। संवाद और चर्चा की प्रक्रिया पूरी तरह से नदारद है। हम सहकारी संघवाद से जबरन एकपक्षवाद की ओर बढ़ गए हैं।

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    केंद्रीय एजेंसियां सरकार के लंबे हाथ बन गई हैं

    पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र की राजनीति संविधान के बजाय राज्यों पर शासन करने की है। राज्यपालों और केंद्रीय एजेंसियों का कार्यालय सरकार के लंबे हाथ में बदल गया है। बाद में, पत्रकारों से सिब्बल ने संसद में विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाने के हालिया आदेश की आलोचना की। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है जब वे हमसे कह सकते हैं कि हमें देश भर में विरोध प्रदर्शन बंद करने की जरूरत है। राज्यसभा सचिवालय द्वारा जारी एक परिपत्र के अनुसार संसद भवन परिसर में प्रदर्शन, धरना और धार्मिक समारोह आयोजित नहीं किए जा सकते हैं। वहीं लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि इस तरह के नोटिस वर्षों से जारी किए जा रहे हैं।