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    International Yoga Day: योग से दूर हो सकता है बांझपन, निर्दिष्ट योगासनों से बढ़ाई जा सकती है प्रजनन क्षमता

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Mon, 21 Jun 2021 02:48 PM (IST)

    आज की इस भागमभाग वाली जिंदगी में महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पातीं। गर्भधारण करने के लिए अपने शरीर की बात सुनना बहुत जरूरी है। गर्भवती होने के लिए शरीर की कुछ जरूरतें होती हैं योग आत्म केंद्रित करता महिलाओं को उनके प्रजनन चक्र से जोड़ता है।

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    नोवा आइवीएफ फर्टिलिटी, कोलकाता की फर्टिलिटी कंसलटेंट डॉ. निंदिता सिंह

    विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। योग में वो शक्ति है, जिससे बांझपन दूर हो सकता है। यह महिलाओं की प्रजनन क्षमता बढ़ाने में बेहद कारगर है। नोवा आइवीएफ फर्टिलिटी, कोलकाता की फर्टिलिटी कंसलटेंट डॉ. अनिंदिता सिंह ने इसकी जानकारी देते हुए कहा-'दुनियाभर में बहुत सी महिलाएं बांझपन की समस्या से जूझ रही हैं। वे मां बनने के सुख से वंचित हैं। तनाव इसका सबसे सामान्य कारण है। तनाव का महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर प्रतिकूल असर पड़ता है। इसके अलावा कर्म जीवन में असंतुलन, गलत जीवनशैली व खानपान और व्यायाम न करना भी इसके कुछ कारण हैं। तनाव दूर करना बहुत जरुरी है। योग इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।'

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    डॉ. सिंह ने आगे कहा- 'बहुत से अध्ययनों में यह बात साबित हो चुकी है कि निर्दिष्ट योगासनों से प्रजनन क्षमता बढ़ाई जा सकती है। जिन महिलाओं में 'कोर्टीसोल' (तनाव वाले हार्मोन) की मात्रा अधिक होती है, उनके अन्य महिलाओं की तुलना में गर्भधारण करने की संभावना कम रहती है। योगा कोर्टीसोल की मात्रा कम करता है और प्रजनन प्रणाली के अवरोधकों को भी दूर करता है। यह शरीर में रक्त का संचालन बढ़ाता है और रक्त में मौजूद विषाक्त तत्वों को दूर करता है।

    हार्मोन के असंतुलन से भी प्रजनन क्षमता कम होती है। प्रजनन के लिए स्वस्थ एंडोक्राइन सिस्टम (ग्रंथियों का नेटवर्क, जो विभिन्न प्रकार के हार्मोन का उत्पादन करता है, जिनमें थायराइड और यौन हार्मोन भी शामिल हैं) होना जरूरी है। योग शरीर में विभिन्न प्रकार के हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करता है।

    डॉ. सिंह ने कहा-'पश्चिमोत्तासन, जनू शीर्षासन, बद्ध कोणासन, भ्रमरी प्राणायाम, सुप्त बद्ध कोणासन और बालासन प्रजनन क्षमता बढा़ने में मददगार हैं। इनसे तनाव कम होता है और प्रजनन प्रणाली सुव्यवस्थित होती है।'

    डॉ. सिंह ने आगे कहा- 'आज की इस भागमभाग वाली जिंदगी में महिलाएं अपने स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पातीं। गर्भधारण करने के लिए अपने शरीर की बात सुनना बहुत जरूरी है। गर्भवती होने के लिए शरीर की कुछ जरूरतें होती हैं, जिन्हें पूरा करना जरूरी होता है। योग आत्म केंद्रित करता है और महिलाओं को उनके प्रजनन चक्र से फिर से जोड़ता है। उन्हें सशक्त होने का अहसास कराता है।'