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    भारतीय चाय निर्यातकों को इस साल अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने से निर्यात में कमी आने की आशंका

    मंदी की आशंका पर सहमे निर्यातक चाय बोर्ड के अनुसार पिछले साल निर्यात लगभग 25.2 करोड़ किलोग्राम का हुआ था। इस साल निर्यात का आकार 18 करोड़ से 18.5 करोड़ किलोग्राम तक घट जाएगा। विशेषकर यह गिरावट सीटीसी किस्म में आने की आशंका व्यक्त की जा रही है।

    By Vijay KumarEdited By: Updated: Sat, 17 Oct 2020 05:00 PM (IST)
    पिछले साल 5.5 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता : भारतीय चाय निर्यातकों को डर है कि घरेलू बाजार में ऊंची कीमत के चलते अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा में पिछड़ने से इस साल चायपत्ती निर्यात में गिरावट आ सकती है, विशेषकर यह गिरावट चाय के सीटीसी किस्म में आने की आशंका व्यक्त की जा रही है। निर्यातकों ने आयात में गिरावट के कारण निर्यात खेप भेजने के लिए कंटेनरों की उपलब्धता की कमी के बारे में भी शिकायत की है, जिसके कारण मालभाड़े में पर्याप्त वृद्धि हुई।

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    निर्यात का आकार 18 करोड़ से 18.5 करोड़ किग्रा घट जाएगा

    भारतीय चाय निर्यातक संघ (आईटीईए) के अध्यक्ष अंशुमान कनोरिया ने कहा कि चाय बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार पिछले साल निर्यात लगभग 25.2 करोड़ किलोग्राम का हुआ था। उन्होंने कहा कि लेकिन इस साल हमें आशंका है कि निर्यात का आकार 18 करोड़ से 18.5 करोड़ किलोग्राम तक घट जाएगा क्योंकि ईरान द्वारा किये जाने वाले चाय के आर्थोडॉक्स किस्म की बिक्री में गिरावट आई है।

    कीनिया और अफ्रीका के साथ तिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं है 

    भारत में घरेलू कीमत अधिक होने के कारण सीटीसी किस्म कीनिया और अफ्रीका के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम नहीं है। कनोरिया ने कहा कि ईरान भारत से चाय के आर्थोडॉक्स किस्म का सबसे बड़ा आयातक देश है जहां पिछले साल 5.5 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात हुआ था।

    इस साल ईरान को निर्यात तीन करोड़ से 3.5 करोड़ किग्रा  का होगा

    कनोरिया ने कहा कि ईरान को निर्यात की मात्रा, कुछ भुगतान समस्याओं की वजह से, कम होने वाली है। इस साल ईरान को निर्यात लगभग तीन करोड़ से 3.5 करोड़ किलोग्राम का होगा। हमने इस समस्या से वाणिज्य मंत्रालय को अवगत कराया है।

     कीनिया और अफ्रीका में चाय की कीमत, भारत की तुलना में कम

    उन्होंने कहा कि अधिक घरेलू कीमतों के कारण सीटीसी निर्यात बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि इस साल कीनिया और अफ्रीका में सीटीसी की अच्छी फसल हुई है, इसलिए वहां कीमतों में नरमी आई है। ये देश निर्यात बाजार में सीटीसी चाय के साथ पैठ बना रहे हैं क्योंकि उनके चाय की कीमत, भारत की तुलना में कम हैं। 

    चाय निर्यातकों को शिपिंग कंटेनरों की कमी का सामना करना पड़ रहा

    उन्होंने कहा कि चाय निर्यातकों को शिपिंग कंटेनरों की कमी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि चूंकि आयात में कमी आई है, इसलिए बंदरगाहों पर शिपिंग कंटेनरों की उपलब्धता में कमी आई है। इसके कारण माल भाड़े में न्यूनतम 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह निर्यात बाजारों में भारतीय चाय की प्रतिस्पर्धा को खत्म कर रहा है। कनोरिया ने कहा, महामारी के कारण बागानों के लंबे समय तक बंद रहने से फसल की कमी के चलते इस साल चाय के दाम में तेजी आई है।