Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पूर्वी सीमा पर युद्धाभ्यास 'तीस्ता प्रहार', चीन और बांग्लादेश ने देखी भारतीय सेना की ताकत

    Updated: Fri, 16 May 2025 12:06 AM (IST)

    सिलीगुड़ी के निकट तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज में भारतीय सेना ने तीस्ता प्रहार युद्धाभ्यास किया। इस अभ्यास का उद्देश्य पूर्वी सीमा पर सेना की तैयारी को परखना था। युद्धाभ्यास में इन्फैंट्री तोपखाना और अन्य सैन्य विभागों ने भाग लिया। आधुनिक हथियारों और तकनीकों का इस्तेमाल किया गया साथ ही विपरीत परिस्थितियों में दुश्मन को हराने की रणनीतियों का अभ्यास किया गया।

    Hero Image
    पूर्वी सीमा पर तीस्ता प्रहार भारतीय सेना का शक्ति प्रदर्शन। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, सिलीगुड़ी। उत्तर-पश्चिम सीमा पर पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ फिलहाल युद्धविराम चल रहा हो, लेकिन पूर्वी सीमा पर भी भारतीय सेना किसी भी आक्रमण को रोकने के लिए पूरी तरह तैयार है। इसकी बानगी बंगाल में जलपाईगुड़ी जिला स्थित तीस्ता फील्ड फायरिंग रेंज में देखने को मिली।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्तान के साथ तनावपूर्ण माहौल के बीच भारतीय सेना ने इस विशाल फायरिंग रेंज में 'तीस्ता प्रहार' नामक युद्धाभ्यास आयोजित किया। यहां से बांग्लादेश और चीन की सीमा करीब ही है। तीन दिनों तक चले इस 'तीस्ता प्रहार' युद्धाभ्यास में भारतीय सेना के इन्फैंट्री, तोपखाना, बख्तरबंद कोर, आर्मी एविएशन, इंजीनियर्स और सिग्नल विभागों ने हिस्सा लिया।

    सेना ने किया अभ्यास

    अभ्यास में सेना के हथियार भंडार में हाल ही में शामिल किए गए नेक्स्ट जेनरेशन हथियारों, सैन्य प्लेटफार्मों और युद्धक्षेत्र में आधुनिक तकनीकों के सटीक उपयोग पर विशेष जोर दिया गया। इसके अलावा, प्रतिकूल मौसम में त्वरित और निपुण समन्वय के साथ दुश्मन को परास्त करने की रणनीतियों को भी परखा गया। सेना ने इस अभ्यास के माध्यम से यह सुनिश्चित किया कि विभिन्न विभागों के बीच तालमेल और तेजी से कार्रवाई करने की क्षमता बरकरार रहे।

    'तीस्ता प्रहार' के समापन के बाद भारतीय सेना के पूर्वी कमान ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि भारतीय सेना किसी भी युद्ध परिस्थिति से निपटने के लिए शत-प्रतिशत तैयार है। इस युद्धाभ्यास ने न केवल सेना की तकनीकी और रणनीतिक क्षमताओं को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दिखाया कि पूर्वी सीमा पर किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए सेना पूरी तरह सक्षम है।