ह्यूमेनॉइड रोबोट लुसी के साथ मना बसंत उत्सव
ह्यूमेनॉइड रोबोट लुसी के साथ नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के छात्र व वरिष्ठ पदाधिकारीगण। जागरण ...और पढ़ें

-जेआइएस समूह के प्रमुख कॉलेज नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की तरफ से आगरपाड़ा में मौजूद नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी परिसर में हुआ उत्सव का आयोजन
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जागरण संवाददाता, कोलकाता :
इस मनोभावी बसंत उत्सव को जेआइएस समूह के प्रमुख कॉलेज नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में प्रत्येक वर्ष भव्य रुप में मनाया जाता है। इस वर्ष अपने इस स्प्रिंग फेस्टिवल को ह्यूमेनॉइड रोबोट लुसी के साथ अपने टेक्नो मैनेजमेंट फेस्ट क्रितंज के हिस्से के रूप में मनाया गया। इसका बुधवार को आगरपाड़ा में स्थित एनआइटी कैंपस में आयोजित कार्यक्रम में हुआ, जो 5 मार्च को पूरे पश्चिम बंगाल के तकनीकी प्रतिभागियों की उत्साहपूर्ण भागीदारी के साथ संपन्न होगा। इस आयोजन में छात्र स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना से जुटेंगे और अपने नये-नये परियोजनाओं के प्रदर्शन के माध्यम से नवीन विचारों को सामने रखेंगे।
प्रो. डॉ. मैत्रेयी राय काजीलाल ( प्राचार्य, नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने कहा कि इस आयोजन में हिस्सा लेने वाले छात्र अपनी परियोजनाओं की प्रदर्शनी, तकनीकी संगोष्ठी, रोबोटिक्स, अपने नवीन विचारों के अलावा कोडिंग फूड फाइट्स या जॉर्बिंग के संदर्भ में पिछले 6 वषरें में 40 से अधिक घटनाओं में 2 लाख पूल पुरस्कार प्राप्त करने वाले 6000 से अधिक प्रतिभागी के तौर पर होंगे। उद्घाटन सत्र की मेजबानी लुसी द्वारा किया गया। यह पहला ह्यूमनॉइड रोबोट है जिसका निर्माण नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में इलेक्ट्रॉनिक्स और इंस्ट्रूमेंटेशन इंजीनियरिंग विभाग के आठ प्रथम वर्ष के छात्रों की एक टीम द्वारा किया गया है। निधि सिंह (रजिस्ट्रार, नरूला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) ने कहा कि प्रो. बनसारी देब मजुमदार की सलाह पर छात्रों ने 60 दिनों में लुसी को विकसित करने के लिए अपने दिल और आत्मा के साथ कड़ी मेहनत के बाद सफलता प्राप्त की। लुसी एक कृत्रिम बुद्धिमान रोबोट है जो भाषण मान्यता के साथ सक्षम है। यह रोबोट हे लुसी कहने पर जवाब देती है। यह चलने के दौरान बाधाओं को पहचानने में सक्षम होने के लिए डिजाइन की गयी है, और यह इसे रोकने का कारण बनता है। इसके चेहरे के सामने के छोर पर लगे कैमरे से इसे देखने में सुविधा मिलती है। एक लाइव वीडियो के माध्यम से इसके अंगों को कार्य करने का ऑर्डर मिलता है।
सरदार तरनजीत सिंह (प्रबंध निदेशक, जेआईएस ग्रुप ऑफ एजुकेशनल इनिशिएटिव्स) ने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी अनुप्रयोगों से रोबोटिक्स को फिर से पुनर्परिभाषित करने में सफल रहे हैं, जिससे मानव जाति के लिए विज्ञान और इसके अनुप्रयोगों के नए मोर्चे को बनाने में सहूलियत मिलेगी। यह हमे काफी गर्व का बोध कराता है कि हमारे छात्र पहली बार हमारे राज्य में ऐसा कुछ करने में सफल रहे हैं। इसके लिए मैं छात्रों की पूरी टीम को शुभकामना देता हूं।
इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने वाले गणमान्य अतिथियों में प्रो डॉ. सैकत मोइत्रा (कुलपति, मेकाउट), पद्मश्री प्रो. डॉ. अजय कुमार रॉय (पूर्व निदेशक,आइआइईएसटी शिबपुर, शिक्षाविद) के साथ अन्य कई गणमान्य शिक्षाविद मौजूद थे।

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