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'जरूरत पड़े तो किराये पर लें योगी का बुलडोजर', अवैध निर्माण पर पश्चिम बंगाल हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी

हमेशा अपनी टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने शुक्रवार को अवैध निर्माण से जुड़े एक मामले पर सुनवाई की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण के मामले में कोई भी बदमाशी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुछ बुलडोजर किराये पर लें।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaPublished: Fri, 28 Jul 2023 05:58 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jul 2023 06:01 PM (IST)
अवैध निर्माण पर हाई कोर्ट जस्टिस की सख्त टिप्पणी (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। हमेशा अपनी टिप्पणियों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने शुक्रवार को अवैध निर्माण से जुड़े एक मामले पर सुनवाई करते हुए कोलकाता पुलिस और कोलकाता नगर निगम को सलाह दी कि जरूरत पड़ने पर वे योगी का बुलडोजर किराये पर लें।

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दरअसल, कोलकाता के मानिकतला थाना क्षेत्र में अवैध निर्माण के विरोध में एक महिला ने कलकत्ता हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अवैध निर्माण में बाधा डालने के बाद उनकी मुवक्किल असुरक्षा से पीड़ित हैं। घर से निकल भी नहीं पा रही हैं। यह सुनने के बाद जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय काफी नाराज हुए।

क्या कुछ बोले जस्टिस गंगोपाध्याय?

उन्होंने कहा,

अवैध निर्माण के मामले में कोई भी बदमाशी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। गैंगस्टरों को कैसे अनुशासित किया जाता है, पता है। कोलकाता नगर निगम के वकील को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़े तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से कुछ बुलडोजर किराये पर लें।

हालांकि, इसके साथ-साथ जस्टिस गंगोपाध्याय ने कोलकाता पुलिस और नगर निगम की तारीफ भी की। उन्होंने अवैध निर्माण से जुड़े मामले में कोलकाता के मानिकतला थाने को भी शामिल करने का आदेश दिया।

कब होगी अगली सुनवाई?

जस्टिस गंगोपाध्याय ने शुक्रवार को अवैध निर्माण मामले की सुनवाई करते हुए कोलकाता पुलिस की गुंडा दमन शाखा की तारीफ की। उन्होंने कहा कि कोलकाता पुलिस के इस डिवीजन के अधिकारी जानते हैं कि गैंगस्टरों को कैसे अनुशासित किया जाता है।

उन्होंने यह भी कहा कि मैं पुलिस और नगर निगम के बारे में कुछ नहीं कहूंगा। मैं जानता हूं कि उन्हें किन बाहरी दबावों के साथ काम करना पड़ता है। इस मामले की अगली सुनवाई अगले शुक्रवार को है।


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