'बंगालियों का अपमान नहीं करूंगी बर्दाश्त', ममता बनर्जी बोलीं- भाषाई आधार पर उत्पीड़न क्यों किया जा रहा
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों पर बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ भाषाई आधार पर उत्पीडऩ का गुरुवार को फिर आरोप लगाते हुए भाजपा व केंद्र पर जोरदार हमला बोला। 79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दक्षिण कोलकाता के बेहला में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने स्पष्ट कहा कि मैं बंगालियों का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं करूंगी।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा शासित राज्यों पर बंगाल के प्रवासी मजदूरों के साथ भाषाई आधार पर उत्पीडऩ का गुरुवार को फिर आरोप लगाते हुए भाजपा व केंद्र पर जोरदार हमला बोला।
79वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर दक्षिण कोलकाता के बेहला में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए ममता ने स्पष्ट कहा कि मैं बंगालियों का अपमान हरगिज बर्दाश्त नहीं करूंगी।
बंगाल के श्रमिकों के साथ भाषाई आधार पर उत्पीडन क्यों किया जा रहा
ममता ने आजादी की लड़ाई में बंगाल के योगदान को गिनाते हुए यह भी दोहराया कि यदि बंगाल न होता तो भारत को आजादी नहीं मिलती।
ममता ने उल्लेख किया कि बंगाल में दूसरे राज्यों के डेढ़ करोड़ से ज्यादा प्रवासी श्रमिक सम्मान के साथ काम कर रहे हैं, यहां उन्हें कभी परेशान नहीं किया जाता। उन्होंने सवाल किया कि फिर बंगाल के श्रमिकों के साथ भाषाई आधार पर उत्पीडन क्यों किया जा रहा?
ममता ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) के मुद्दे पर भी केंद्र को घेरा। उन्होंने कहा कि एसआइआर के बहाने बंगाल में एनआरसी लागू करने की साजिश चल रही है, लेकिन वह इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगी।
भाजपा चुनाव आयोग की मिलीभगत
ममता ने कहा कि राज्य में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा चुनाव आयोग की मिलीभगत से एसआइआर के नाम पर पुराने दस्तावेजों का हवाला देकर बंगाल के वोटरों के नाम मतदाता सूची से काटने की योजना बना रही है, जिससे लोग भयभीत हैं और आत्महत्या तक कर रहे हैं।
ममता ने चुनाव आयोग को फिर चेतावनी दी
उन्होंने जनता से अपील की कि वे डरें नहीं, क्योंकि वह मरते दम तक लोगों के अधिकार छिनने नहीं देंगी। ममता ने चुनाव आयोग को फिर चेतावनी दी कि अगर एक भी असली वोटरों के नाम मतदाता सूची से हटाए गए, तो वह सख्त कदम उठाएंगी।
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