'ममता मेरी हत्या भी करवा सकती हैं', बाबरी मस्जिद निर्माण की घोषणा करने वाले विधायक हुमायूं TMC से सस्पेंड
पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने मुर्शिदाबाद के विधायक हुमायूं कबीर को पार्टी से निलंबित कर दिया है। कबीर ने बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा की थी। पार ...और पढ़ें

हुमायूं कबीर टीएमसी से निलंबित, ममता पर लगाए गंभीर आरोप।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने मुर्शिदाबाद जिले में बाबरी मस्जिद के निर्माण पर अड़े भरतपुर के विधायक हुमायूं कबीर को गुरुवार को पार्टी से निलंबित कर दिया। पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के आंतरिक मामलों समेत विभिन्न मुद्दों पर विवादित बयान देकर चर्चा में रहे कबीर ने कहा था कि 6 दिसंबर को जिले के बेलडांगा में मस्जिद की आधारशिला रखी जाएगी।
बंगाल के नगर मामलों और शहरी विकास मंत्री और कोलकाता नगर निगम (केएमसी) के मेयर फिरहाद हकीम ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पार्टी ने उनकी हालिया गतिविधियों के कारण यह फैसला लिया है, जिसमें धार्मिक जोश के साथ राजनीति की बू भी आ रही थी। इसको तृणमूल कांग्रेस नेतृत्व ने पार्टी अनुशासन का गंभीर उल्लंघन माना है।
बाबरी मस्जिद बनाने की घोषणा करके उन्होंने असल में 1992 की असली बाबरी मस्जिद की कड़वी यादों को फिर से जगाने की कोशिश की है। हुमायूं की ऐसी गतिविधियां राज्य के सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट कर सकती हैं। बाबरी मस्जिद की घोषणा के पीछे भाजपा का हाथ है। भाजपा कबीर को आगे करके बांटने वाली राजनीति को हवा देने की कोशिश कर रही है।
22 को करेंगे नई पार्टी के गठन की घोषणा
हुमायूं को अपने निलंबन की खबर मिलने के बाद गुरुवार को बहरमपुर में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सभा स्थल से निकलते हुए देखा गया। कबीर ने कहा कि वह शुक्रवार को अपना इस्तीफा देंगे, लेकिन यह साफ नहीं किया कि वह पार्टी से इस्तीफा देंगे या विधायक पद से या दोनों से दे सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वह 22 दिसंबर को नई पार्टी के गठन की घोषणा करेंगे। 2026 के विधानसभा चुनाव में 135 सीटों पर उनकी पार्टी अपने उम्मीदवार उतारेगी।
गिरफ्तारी व हत्या की आशंका भी जताई
कबीर ने ममता के खिलाफ भी जहर उगलते हुए कहा कि मुख्यमंत्री एक तरफ मंदिर बनवा रही हैं तो दूसरी तरफ मस्जिद निर्माण में बाधा डाल रही हैं। वह भाजपा व आरएसएस की मदद कर रही हैं। कबीर ने कहा कि ममता किसी से उनकी हत्या भी करवा सकती हैं। उन्होंने अपनी गिरफ्तारी की भी आशंका जताई।
भाजपा में भी शामिल हुए थे कबीर
कबीर ने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत 1993 में कांग्रेस के साथ की थी। वह कांग्रेस छोडक़र टीएमसी में शामिल हुए। हुमायूं को तृणमूल से निलंबित करने की घटना कोई नई बात नहीं है। इससे पहले 2015 में उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
इसके बाद वह कांग्रेस में लौट आए। 2018 में वह भाजपा में शामिल हुए और 2019 में मुर्शिदाबाद लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले वह फिर से तृणमूल में लौट आए। विवादित बयानों के चलते टीएमसी ने कई बार उन्हें कारण बताओ नोटिस भी दिया है।

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