Coronavirus: इतिहासकार हरि शंकर वासुदेवन की कोरोना से मौत, राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने जताया शोक
Coronavirus इतिहासकार व शिक्षाविद प्रोफेसर हरि शंकर वासुदेवन की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। ...और पढ़ें

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। Coronavirus: जाने-माने इतिहासकार व शिक्षाविद प्रोफेसर हरि शंकर वासुदेवन की कोरोना वायरस के कारण मौत हो गई। शनिवार देर रात कोलकाता के साल्टलेक स्थित एक निजी अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वह 68 वर्ष के थे। बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने उनके निधन पर गहरा शोक जताया है। रविवार को राजभवन की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि बहुमुखी प्रतिभा के धनी, प्रसिद्ध शिक्षाविद व यूजीसी एमेरिटस प्रोफेसर वासुदेवन के शिक्षा व समाज में योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें।
वासुदेवन यूरोपीय और रूसी इतिहास और भारत-रूस संबंधों के विशेषज्ञ थे। वह कलकत्ता विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग के प्रोफेसर व चीनी केंद्र के निदेशक रहे थे। इससे पहले उन्होंने केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत मौलाना अबुल कलाम आजाद इंस्टीट्यूट ऑफ एशियन स्टडीज, कोलकाता के निदेशक के रूप में कार्य किया था। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से स्नातक किया, जहां उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर और पीएचडी भी पूरी की। उन्होंने कई किताबें लिखीं।
इधर, निजी अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि उन्हें 4 मई को भर्ती कराया गया और अगले दिन उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वह 6 मई से वेंटिलेटर पर थे। शनिवार रात को उन्हें दो कार्डियक अटैक आए और 12:40 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। साल 2003 से 2005 के बीच वासुदेवन सेंट्रल एशियन स्टडीज में प्रोफेसर और जामिया मिलिया इस्लामिया दिल्ली के तीसरे विश्व अध्ययन केंद्र के एक्टिंग डायरेक्टर थे। 2011 से 2014 के बीच वह भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद के सदस्य थे।
वासुदेवन 2005 में एनसीइआरटी के सामाजिक विज्ञान के लिए पाठ्यपुस्तक विकास समिति के अध्यक्ष भी थे। भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों की परियोजनाओं व संस्थाओं से भी वे जुड़े रहे और बहुमुखी व्यक्तित्व से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई। वासुदेवन की पत्नी तपती गुहा ठाकुरता भी इतिहासकार हैं। गौरतलब है कि इन दिनों बंगाल में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं।

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