ममता के चार्टर्ड विमान के आसमान में डगमगाने की घटना पर हाई कोर्ट ने सेंट्रल सिक्योरिटी एजेंसी से मांगी रिपोर्ट
हाई कोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय की रिपोर्ट की सच्चाई की अच्छी तरह से जांच कर लेना चाहता।इसलिए अब सेंट्रल सिक्योरिटी एजेंसी से इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई है। इस बाबत सेंट्रल सिक्योरिटी एजेंसी को दो हफ्ते का समय दिया गया है। मामले पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट ने सेंट्रल सिक्योरिटी एजेंसी से इस बाबत विस्तार से रिपोर्ट मांगी है कि कुछ समय पहले वाराणसी से कोलकाता लौटते वक्त बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का चार्टड विमान आसमान में कैसे डगमगाने लगा था। गौरतलब है कि इससे पहले केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय की तरफ से अदालत को सूचित किया गया था कि इस घटना के पीछे कोई साजिश नहीं है। हाई कोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय की रिपोर्ट की सच्चाई की अच्छी तरह से जांच कर लेना चाहता है इसलिए अब सेंट्रल सिक्योरिटी एजेंसी से इस बाबत रिपोर्ट मांगी गई है। इस बाबत सेंट्रल सिक्योरिटी एजेंसी को दो हफ्ते का समय दिया गया है। मामले पर अगली सुनवाई 18 जुलाई को होगी।
गौरतलब है कि मामले की जांच को लेकर हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। ममता ने दावा किया था कि गत वाराणसी से कोलकाता लौटते वक्त उनका विमान खराब मौसम की वजह से नहीं बल्कि दूसरे विमान के सामने आ जाने के कारण आसमान में डगमगाया था। अगर 10 सेकेंड की देर हो गई होती तो बड़ा हादसा हो सकता था। पायलट की दक्षता के कारण विमान दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गया था। वे अचानक से विमान को आसमान में कई हजार फुट नीचे ले आए थे। इसे लेकर राज्य सरकार ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) से रिपोर्ट मांगी थी। डीजीसीए ने मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के आदेश दिए थे। राज्य सरकार ने डीजीसीए से यह भी जानना चाहा है कि क्या दूसरा विमान जिस हवाई मार्ग पर उड़ान भर रहा था, उसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी।
अब तक जो जानकारी हाथ लगी है, उसके मुताबिक घटना के वक्त ममता का विमान कोलकाता के नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से 46 किलोमीटर दूर था। उसके 38 किलोमीटर आगे एक विमान था, जो हवाई अड्डे पर लैंडिंग करने की तैयारी में था। राज्य सचिवालय सूत्रों से पता चला है कि सिर्फ वाराणसी से लौटते वक्त ही नहीं, दो मार्च को वाराणसी जाते वक्त भी एक हेलीकाप्टर ममता के चार्टर्ड विमान के नजदीक आ गया था। डीजीसीए उस मामले की भी जांच का रहा है। राज्य सरकार ने डीजीसीए से यह भी जानना चाहा है कि क्या दूसरा विमान जिस हवाई मार्ग पर उड़ान भर रहा था, उसके लिए पूर्व अनुमति ली गई थी।

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