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Nabanna March: भाजपा के नवान्न मार्च पर हाई कोर्ट ने ममता सरकार को दी नसीहत, कहा- अनावश्यक गिरफ्तारी से बचें

कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को ममता सरकार को निर्देश दिया कि वह 13 सितंबर को भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के नवान्न अभियान (राज्य सचिवलाय मार्च) के संबंध में किसी भी व्यक्ति की अनावश्यक गिरफ्तारी और उत्पीड़न से दूर रहे।

By JagranEdited By: Sonu GuptaPublished: Tue, 27 Sep 2022 09:41 PM (IST)Updated: Tue, 27 Sep 2022 09:41 PM (IST)
Nabanna March: भाजपा के नवान्न मार्च पर हाई कोर्ट ने ममता सरकार को दी नसीहत, कहा- अनावश्यक गिरफ्तारी से बचें
कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने ममता सरकार को दी नसीहत। (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कलकत्ता हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने मंगलवार को ममता सरकार को निर्देश दिया कि, वह 13 सितंबर को भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के नवान्न अभियान (राज्य सचिवलाय मार्च) के संबंध में किसी भी व्यक्ति की अनावश्यक गिरफ्तारी और उत्पीड़न से दूर रहे। हाई कोर्ट के न्यायाधीश राजशेखर मंथा और न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ में भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ का पार्टी कार्यकर्ताओं के उत्पीड़न लेकर एक  याचिका दायर की थी।

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लोगों को कर दिया गया है रिहा

मामले पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को भाजपा के अधिवक्ता सुबीर सान्याल ने आरोप लगाया कि पुलिस ने लोगों को गिरफ्तार करना जारी रखा है। सान्याल ने खंडपीठ को बताया कि अब तक कुल 550 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उनके तर्क का विरोध करते हुए, राज्य के महाधिवक्ता एसएन मुखर्जी ने खंडपीठ से कहा कि मामले में हिरासत में लिए गए अधिकांश लोगों को बाद में रिहा कर दिया गया है।

विशिष्ट शिकायतों के आधार पर हुई थी गिरफ्तारी

एजी ने तर्क दिया, बिना किसी कारण के किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता को गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम देने दें और राज्य सरकार जांच करेगी कि उन्हें कब और किन परिस्थितियों में गिरफ्तार किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि गिरफ्तारी विशिष्ट शिकायतों के आधार पर की गई थी और उन मामलों में कानून ने अपना काम किया है।

दुर्गा पूजा उत्सव के अवसर पर बंद होना चाहिए उत्पीड़न

भाजपा के वकील ने खंडपीठ को सूचित किया कि पुलिस ने मध्य कोलकाता के बहूबाजार और बड़ाबाजार इलाकों में कई भाजपा समर्थकों को परेशान किया। किसी भी विरोध रैली का हिस्सा बनना देश के नागरिकों का संवैधानिक अधिकार है। कम से कम दुर्गा पूजा उत्सव के अवसर पर उत्पीड़न बंद होना चाहिए।

31 अक्टूबर को होगी सुनवाई

दोनों पक्षों को सुनने के बाद, खंडपीठ ने राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि इस मामले में कोई और अनावश्यक गिरफ्तारी या उत्पीड़न न हो। वही पीठ 31 अक्टूबर को फिर से मामले पर सुनवाई करेगी।

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