आरजी कर कांड: आमरण अनशन पर बैठे सात जूनियर डॉक्टरों में से एक की हालत बिगड़ी, आईसीयू में भर्ती
पश्चिम बंगाल के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में अभी तक इंसाफ का इंतजार है। जूनियर डॉक्टरों का आमरण अनशन छठे दिन जारी है। हालांकि इस दौरान एक जूनियर डॉक्टर की तबीयत बिगड़ गई है। उन्हें मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। पुलिस इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर चुकी है।

ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आरजी कर कांड के खिलाफ कोलकाता में आमरण अनशन कर रहे जूनियर डॉक्टरों में से एक की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद गुरुवार रात को उन्हें तुरंत आरजी कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बीमार होने वाले डॉक्टर का नाम अनिकेत महतो है। शनिवार रात से जूनियर डॉक्टर आमरण अनशन पर बैठे हैं।
आईसीयू में किया गया भर्ती
आंदोलन का समर्थन कर रहे सीनियर डॉक्टर सुवर्ण गोस्वामी ने कहा कि अनिकेत महतो की हालत बिगड़ गई है। अभी उनकी हालत ठीक नहीं है। उन्हें आरजी कर अस्पताल ले जाया गया है और आईसीयू में भर्ती कराया जाएगा।

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डॉक्टरों की टीम ने की जांच
पिछले दो महीनों से आरजी कार दुष्कर्म व हत्या मामले की पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग को लेकर आंदोलन में महतो और कुछ अन्य लोग सबसे आगे रहे हैं। पिछले छह दिनों से अनशन पर बैठे सात डॉक्टरों की स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए गुरुवार की शाम को राज्य स्वास्थ्य विभाग ने चार एक्सपर्ट डॉक्टरों की एक टीम को अनशन स्थल पर भेजा था।
छठे दिन भी जारी रहा आमरण अनशन
चार सदस्यीय मेडिकल टीम के सदस्य दीप्तेंद्र सरकार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हम यहां उनकी स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने आए हैं। यह स्वाभाविक है कि गुरुवार तक पांच दिनों के उपवास के बाद उनके स्वास्थ्य संबंधी मानदंड बहुत अच्छे नहीं होंगे।
हम उनके माता-पिता की तरह हैं और बुजुर्गों के तौर पर हमने सुझाव दिया है कि उनकी हालत बिगड़ने से पहले उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया जाना चाहिए। उधर, दुर्गा पूजा उत्सव के बीच लगातार छठवें दिन डॉक्टरों का आमरण अनशन जारी रहा।
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आरजी कर कांड: कब-क्या हुआ?
- कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में 9 अगस्त को 31 साल की महिला प्रशिक्षु डॉक्टर की लाश मिली। जांच में दुष्कर्म के बाद हत्या की पुष्ट हुई।
- पश्चिम बंगाल पुलिस की टास्क फोर्स ने घटना के अगले दिन यानी 10 अगस्त को संजय रॉय नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। उस पर दुष्कर्म के बाद महिला डॉक्टर की हत्या का आरोप है। घटनास्थल पर उसका टूटा हुआ ब्लूटूथ इयरफोन मिला था।
- 12 अगस्त को घटना के विरोध में पश्चिम बंगाल और देश के अन्य हिस्सों में डॉक्टरों ने अपना प्रदर्शन तेज किया। कई जगह लोगों ने कैंडल मार्च निकाला और इंसाफ की मांग की। इसी दिन संदीप घोष ने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल के पद से अपना इस्तीफा दे दिया।
- 13 अगस्त को यह मामला कलक्ता हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने मामले की जांच पश्चिम बंगाल पुलिस की एसआईटी से लेकर सीबीआई को सौंप दी।
- घटना के बाद से ही आरजी कर अस्पताल के डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू कर दी थी। हालांकि 22 अगस्त को डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल वापस ली।
- 24 अगस्त को सीबीआई ने हाईकोर्ट के आदेश पर वित्तीय कदाचार से जुड़े मामले में केस दर्ज किया।
- 27 अगस्त को पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के खिलाफ सचिवालय तक बड़ा विरोध मार्च निकाला। मगर इस दौरान पुलिस और छात्रों में भिड़त हो गई।
- 28 अगस्त को भाजपा ने बंगाल बंद का एलान किया। भाजपा ने खुलकर छात्र आंदोलन का समर्थन किया।
- 2 सितंबर: 2 सितंबर को घटना के 26 दिन बाद सीबीआई ने भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में आरजी कर
- मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष को गिरफ्तार किया।
- 2 सितंबर को पश्चिम बंगाल विधानसभा में आपराजिता विधेयक पारित हुआ।
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