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परपोते ने नेताजी को बताया 'अखंड भारत का पहला प्रधानमंत्री', तस्वीर प्रधानमंत्री संग्रहालय में शामिल करने की मांग

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने नेताजी को अखंड भारत का पहला प्रधानमंत्री बताया। कहा-21 अक्टूबर 1943 को नेताजी ने आजाद हिंद सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Sun, 15 May 2022 06:39 PM (IST)Updated: Sun, 15 May 2022 07:16 PM (IST)
परपोते ने नेताजी को बताया 'अखंड भारत का पहला प्रधानमंत्री',  तस्वीर प्रधानमंत्री संग्रहालय में शामिल करने की मांग
प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लेते नेताजी सुभाष चंद्र बोस की दुर्लभ तस्वीर। फोटो सौजन्य :चंद्र कुमार बोस।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने नेताजी को 'अखंड भारत का पहला प्रधानमंत्री' बताते हुए प्रधानमंत्री संग्रहालय में उनकी तस्वीर शामिल करने की मांग की है। उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है। गौरतलब है कि पीएम मोदी ने हाल में दिल्ली में निर्मित इस संग्रहालय का उद्घाटन किया था। चंद्र कुमार बोस ने कहा-'प्रधानमंत्री संग्रहालय में 1947 से लेकर वर्तमान समय तक के सभी प्रधानमंत्रियों की तस्वीरें और उनके बारे में सूचनाएं हैं लेकिन दुर्भाग्यवश वहां नेताजी की कोई तस्वीर नहीं है। नेताजी अखंड भारत के पहले प्रधानमंत्री थे। उन्होंने 21 अक्टूबर, 1943 को अखंड भारत में गठित आजाद हिंद सरकार के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी और 18 अगस्त, 1945 को रहस्यमय तरीके से लापता होने के समय तक इस पद पर रहे थे। उनका वंशज होने के नाते मैं प्रधानमंत्री संग्रहालय में उनकी तस्वीर भी देखना चाहूंगा।'

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रेनकोजी मंदिर से अस्थियों को लाने की मांग

गौरतलब है कि चंद्र कुमार बोस ने इससे पहले मोदी सरकार से जापान के रेनकोजी मंदिर में रखीं अस्थियों को भारत लाकर उसका डीएनए टेस्ट कराने का अनुरोध किया था। एक वर्ग इन अस्थियों के  नेताजी की होने का दावा करता है। चंद्र कुमार बोस ने कहा कि नेताजी की 125वीं जयंती के मौके पर उनका सम्मान करने का सबसे अच्छा तरीका यही होगा कि रेनकोजी मंदिर में रखीं अस्थियों को भारत की धरती पर लाया जाए। मोदी सरकार ऐसा कर सकती है। अगर तकनीकी रूप से संभव हो तो उन अस्थियों और नेताजी के परिवार के सदस्यों का डीएनए टेस्ट कराकर उसका मिलान भी किया जा सकता है। अगर अस्थियों को वापस लाया गया तो नेताजी की बेटी अनीता बोस फाफ अपने पिता का अंतिम संस्कार कर पाएंगी। अस्थियों को वापस लाने में ढिलाई के कारण ही नेताजी को लेकर अजीबोगरीब कहानियां प्रसारित होती रहती हैं।


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