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    बंगाल में स्थापित पहले हिंदी विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने किया उद्घाटन

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Fri, 19 Nov 2021 02:03 PM (IST)

    बंगाल सरकार द्वारा राज्य में स्थापित पहले हिंदी विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरू कर दी गई है।छात्र-छात्राओं में उत्साह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने जाना कि आखिर उन्हें कैसा लग रहा है। इसके जवाब में छात्रों ने भी अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वे काफी खुश हैं और गौरवान्वित हैं।

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    पहले हिंदी विश्वविद्यालय उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्चुअल माध्यम से किया।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल सरकार द्वारा राज्य में स्थापित पहले हिंदी विश्वविद्यालय में गुरुवार से पढ़ाई शुरू कर दी गई है। राजधानी कोलकाता से सटे हावड़ा के दासनगर के आड़ूपाड़ा में हिंदी विश्वविद्यालय स्थापित किया जा रहा है। फिलहाल दासनगर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित सलकिया के आलो की इमारत को हिंदी विश्वविद्यालय के लिए खोल दिया गया है। इसका उद्घाटन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वर्चुअल माध्यम से किया।इधर, हिंदी विश्वविद्यालय में पढ़ाई शुरु होने से हिंदी भाषी छात्र-छात्राओं में उत्साह देखा जा रहा है।

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    हावड़ा के शरत सदन में प्रशासनिक बैठक के दौरान विश्विद्यालय के उद्घाटन के मौके पर मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों से जाना कि आखिर उन्हें कैसा लग रहा है? इसके जवाब में छात्रों ने भी अपनी खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा कि वे काफी खुश हैं और गौरवान्वित हैं। इस मौके पर हिंदी विवि के वाइस चांसलर डा दामोदर मिश्रा भी मौजूद थे। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जहां पर 10 प्रतिशत हिंदीभाषी लोग होंगे वहां पर आवेदन भी अब हिंदी में लिए जायेंगे। इस पर और विस्तार से दामाेदर मिश्रा ने कहा कि आलो में फिलहाल हिंदी व अनुवाद साहित्य की पढ़ाई हो रही है।

    उन्होंने कहा कि जो छात्र हिंदी माध्यम से पढ़कर निकले हैं उनके लिए यहां पर पढ़ाई करना आसान होगा। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय को खोलने का मुख्य लक्ष्य है कि जो विद्यार्थी हिंदी में स्नातक कर चुके हैं उन्हें हिंदी में स्नातकोत्तर की भी पढ़ाई करने का मौका मिले। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के काम को तेजी से पूरा करने के लिए हावड़ा की डीएम मुक्ता आर्या की सराहना की और कहा कि उन्होंने साल 2019 में जब प्रशासनिक बैठक की थी, उस दौरान काम को तेज गति से करने के लिए निर्देश दिया था और संतोषजनक काम हुआ है। बता दें कि राज्य सरकार का दावा है कि यह बंगाल ही नहीं बल्कि पूर्वी भारत का पहला हिंदी विश्वविद्यालय है।

    बंगाल में बसे हिंदीभाषी हमारे अपने हैं : ममता

    वहीं, हावड़ा में प्रशासनिक बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हिंदी भाषी लोगों को लेकर बड़ी बात भी कहीं। ममता ने कहा कि बंगाल में रहने वाले यूपी और बिहार के लोगों की भूमिका बंगाली से भी बड़ी है। यहां बसे सभी हिंदीभाषी हमारे अपने हैं क्योंकि ये सालों से बंगाल में रह रहे हैं। बंगाल के विकास में साथ हैं। ये सभी बंगाल के नागरिक हैं। इन्हें रोजगार देने से इन्कार नहीं किया जा सकता। ममता ने उदाहरण दिया कि एक दिन पहले ही खुद उनके हाथों में उनके घर के करीब रहने वालों ने नौकरी की व्यवस्था करने के लिए कुछ लोगों के नामों की तालिका की पर्ची दी। उस कागज में 30 लोगों में 26 लोग हिंदीभाषी थे। हमारा फर्ज है कि इन सभी के लिए नौकरी की व्यवस्था की जाए। नौकरी को लेकर तृणमूल सरकार भेदभाव नहीं करेगी।