Bengal Election violence: इंगलिश बाजार निकाय चुनाव को लेकर हाई कोर्ट ने सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित रखने का दिया निर्देश
बंगाल में 108 नगरपालिकाओं के लिए हुए मतदान के दौरान भारी हिंसा व व्यापक धांधली का आरोप लगाते राज्य की मुख्य विपक्षी भाजपा ने चुनाव आयोग से इस पूरे चुनाव को रद करने की मांग की थी।एक स्वतंत्र जांच एजेंसी या केंद्रीय चुनाव आयोग को फुटेज दिखाना होगा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में निकाय चुनाव संपन्न होने के बावजूद कलकत्ता उच्च न्यायालय में एक नहीं, बल्कि इससे जुड़े कई मामले लंबित हैं। पश्चिम मेदिनीपुर के कांथी के बाद मालदा में भी इसी आरोप के साथ कोर्ट में मुकदमा दायर किया गया था। सोमवार को इस मामले की सुनवाई के दौरान कांथी की तरह इस मामले में भी सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के निर्देश दिए गए हैं। यह आदेश न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल पीठ की ओर से पारित किया गया। मामले की अगली सुनवाई 21 मार्च को होगी।
इस दिन मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ कांथी के मामले की सुनवाई कर रही थी। इससे पहले चीफ जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने मामले में सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने का निर्देश दिया था। उसी दिन उसी पीठ ने मालदा के इंगलिश बाजार नगर पालिका के संबंध में भी यही निर्देश दिया। इंगलिश बाजार में वोट में धांधली के आरोप लगते रहे हैं।
कांथी के मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को है। राज्य चुनाव आयुक्त को उस दिन एक हलफनामा प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव और न्यायमूर्ति राजर्षि भारद्वाज की खंडपीठ मामले की सुनवाई कर रही है। चुनाव के दिन क्या हुआ, यह पता लगाने के लिए एक स्वतंत्र जांच एजेंसी या केंद्रीय चुनाव आयोग को फुटेज दिखाना होगा। याचिकाकर्ता को जांच के बाद अदालत में रिपोर्ट करने की सूचना दी गई है। भाजपा ने दावा किया कि चुनाव के दिन कांथी नगर पालिका में 97 में से 91 सीसीटीवी कैमरे टूट गए थे। भाजपा ने दावा किया कि चुनाव के दिन नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी को घर से बाहर नहीं निकलने दिया गया और उनके भाई सौमेंदु अधिकारी को बाधा दी गई थी।
बताते चलें कि बंगाल में 108 नगरपालिकाओं के लिए हुए मतदान के दौरान भारी हिंसा व व्यापक धांधली का आरोप लगाते राज्य की मुख्य विपक्षी भाजपा ने चुनाव आयोग से इस पूरे चुनाव को रद करने की मांग की थी। भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया ने कहा था कि एक बार फिर बंगाल समेत पूरे देश के लोगों ने निकाय चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की गुंडागर्दी व आतंक को देखा है। किस तरह उन्होंने पुलिस के संरक्षण में हिंसा के साथ बूथ लूटने व भाजपा समर्थक मतदाताओं को डराने-धमकाने जैसी कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि वोट का नहीं बल्कि लूट का था। बंगाल पुलिस पूर्व की तरह इस बार भी शांतिपूर्ण मतदान कराने में पूरी तरह नाकाम रही। उन्होंने आयोग से मांग की थी कि केंद्रीय बलों और राज्य के बार के पर्यवेक्षकों की निगरानी में नए सिरे से निकाय चुनाव कराए जाएं।
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