बांग्लादेश सीमा पर मुठभेड़, जवानों पर हमले के बाद जवाबी कार्रवाई में सात मवेशी तस्कर घायल
बांग्लादेश की तरफ भागते समय जवानों द्वारा चुनौती देने पर बदमाशों ने घायल तस्कर को वहीं छोड़ दिया जिसे जवान ने हिरासत में ले लिया। घायलों में चार बांग्लादेशी जबकि तीन भारतीय तस्कर बताए जा रहे हैं। बता दें कि बीएसएफ ने मौके से लगभग 10 मवेशियों को भी बचाया है जबकि पांच-छह मवेशियों को तस्कर सीमा पार कराने में कामयाब रहे।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाल में भारत- बांग्लादेश सीमा पर बीएसएफ व तस्करों के बीच फिर जबर्दस्त मुठभेड़ हुई है। नदिया जिले में सीमा चौकी इच्छामती इलाके से जबरन बांग्लादेश में मवेशियों की तस्करी की कोशिश कर रहे तस्करों के एक बड़े समूह ने रोके जाने पर बीएसएफ जवानों पर पथराव के साथ देशी बमों और अन्य हथियारों से हमला कर दिया।
इसके बाद बीएसएफ जवानों द्वारा आत्मरक्षा में की गई जवाबी कार्रवाई में गोली लगने से छह-सात तस्कर घायल हो गए। तस्करों के हमले में एक जवान भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि यह घटना दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की आठवीं वाहिनी की सीमा चौकी इलाके में मध्यरात्रि के समय घटी।
बीएसएफ प्रवक्ता के अनुसार, ड्यूटी पर तैनात जवान ने जबरन तस्करी के एक बड़े प्रयास को विफल करने के साथ खुद जख्ती होने के बाद भी एक घायल तस्कर को पकड़ लिया। वहीं, बाकी तस्कर गोली लगने के बाद सीमा के दोनों तरफ भाग निकले।
जवान ने घायल तस्कर को हिरासत में लिया
बांग्लादेश की तरफ भागते समय जवानों द्वारा चुनौती देने पर बदमाशों ने घायल तस्कर को वहीं छोड़ दिया, जिसे जवान ने हिरासत में ले लिया। घायलों में चार बांग्लादेशी जबकि तीन भारतीय तस्कर बताए जा रहे हैं। बीएसएफ ने मौके से लगभग 10 मवेशियों को भी बचाया है, जबकि पांच-छह मवेशियों को तस्कर सीमा पार कराने में कामयाब रहे।
रात के अंधेरे में मवेशियों को सीमा पार कराने की कोशिश
प्रवक्ता ने बताया कि 15-20 की संख्या में बांग्लादेशी तस्करों का समूह रात के अंधेरे में योजनाबद्ध तरीके से इच्छामती नदी के माध्यम से मवेशियों की तस्करी की कोशिश की। भारत की तरफ से भी तस्करों का दल उनकी मदद कर रहा था।
जवान ने जब तस्करों को चुनौती दी तो उन्होंने पहले पत्थरबाजी की और फिर देशी बमों से हमला किया। खतरे को भांपते हुए जवान ने पहले मिर्ची ग्रेनेड और गैर घातक पीएजी से फायरिंग की। इसके बाद भी तस्करों ने हमले जारी रखा तो अंत में जवानों को गोलीबारी करनी पड़ी। इसके बाद सभी तस्कर भाग खड़े हुए।
घायल तस्कर ने कई नामों का किया खुलासा
वहीं, गिरफ्तार घायल तस्कर की पहचान नदिया जिला निवासी हसनूर मंडल के रूप में हुई है। उसने खुलासा किया कि मुंशीहाटी गांव के शेरो, रघु और सहर ने अपने तीन अन्य साथियों के साथ सीमा पार मवेशियों की तस्करी की साजिश रची थी। उनकी योजना इच्छामती पुल का उपयोग करके मवेशियों को अपने बांग्लादेशी समकक्षों, अर्थात ज़हौर (समूह के नेता), राजू और सागर को सौंपने की थी।
हसनूर ने कबूल किया कि उनके समूह के पास देसी बम थे। इसके अलावा चाकू और पत्थर थे, जिनका उपयोग वे अपने अभियान को सुविधाजनक बनाने और जवानों का ध्यान भटकाने व नुकसान पहुंचाने के लिए करना चाहते थे।
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