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    कोलकाता में आठ साल के बच्‍चे ने निगल ली काजल की डिब्बी, ऑक्‍सीजन लेवल हुआ जीरो

    By Sumita JaiswalEdited By:
    Updated: Sat, 05 Mar 2022 05:18 PM (IST)

    आठ माह के बच्चे ने खेलते समय काजल की डिब्बी निगल ली और डिब्बी बच्चे के गले में फंस गई। उसकी मां की नजर पड़ी तो वह डर गई। बच्चे को अस्पताल ले जाया गया। ...और पढ़ें

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    देर होने की वजह से बच्‍चे का ऑक्‍सीजन लेवल गिरता गया। सांकेतिक तस्‍वीर।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। आठ साल के बच्चे ने खेलते समय काजल की डिब्बी निगल ली थी और डिब्बी बच्चे के गले में फंस गई। उसकी मां की नजर पड़ी तो वह डर गई। बच्चे को अस्पताल ले जाया गया। डाक्टरों ने उसका स्कैन किया तो गले में कुछ फंसे होने की बात सामने आई। शुक्रवार की शाम को बच्चे की सर्जरी की गई और गले से डिब्बी निकाली गई। आइसीयू में रख कर उपचार चल रहा था, लेकिन उसकी जान नहीं बची और उसने शनिवार को दम तोड़ दिया। बताया जा रहा है कि उपचार में देरी की वजह से उसके शरीर में आक्सीजन लेवल जीरो हो गया था।

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    कोलकाता के इंस्टीट्यूट आफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइपीजीएमईआर) में इलाज चल रहा था। डाक्टरों ने बताया कि आठ माह के बच्चे के गले में काजल की प्लास्टिक की डिब्बी फंसने के बाद इलाज में देरी के कारण बच्चे की जान गई है। वेंटीलेटर पर रखने के बावजूद उसे नहीं बचाया जा सका।

    मीट की दुकान चलाने वाले बच्चे के पिता मेघनाद बागड़ी ने बताया कि उनका आठ साल का बेटा रितेश शुक्रवार सुबह न्यूटाउन स्थित घर में खेल रहा था। खेल-खेल में उसने काजल की डिब्बी मुंह में डाल ली, जो उसके गले में जाकर फंस गई। घरवालों का इस ओर शुरू में ध्यान नहीं गया। जब बच्चा अचानक से बेहोश होने लगा और उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी तो उसकी मां की नजर पड़ी।

    मेघनाद ने बताया कि वे बच्चे को लेकर नजदीक के सरकारी अस्पताल में पहुंचे। वहां से कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कालेज अस्पताल भेजा गया। बच्चे का आक्सीजन लेवल 50 प्रतिशत पर आ गया था। एनआरएस में बच्चे की हालत देखकर उसे तत्काल इंस्टीट्यूट आफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइपीजीएमईआर) अस्पताल में रेफर कर दिया। जब तक घरवाले वहां पहुंचे, तब तक तीन घंटे बीत चुके थे और बच्चा नीला पड़ गया था। उसका आक्सीजन लेवल शून्य हो गया था। डाक्टरों ने तत्काल डिब्बी को हटाने के लिए लैरींगोस्कोपी की। बच्चे की सांस नली में फंसी काजल की डिब्बी निकाल ली गई लेकिन आक्सीजन की कमी के कारण बच्चे की हालत गंभीर थी। आइपीजीएमईआर ईएनटी के हेड प्रोफेसर अरुणाभ सेनगुप्ता ने कहा कि अगर समय पर इलाज होता तो बच्चे की हालत इतनी नहीं बिगड़ती। शनिवार सुबह उसने दम तोड़ दिया।