90 दिनों से कतर में कैद हैं आठ रिटायर्ड भारतीय नौसैनिक के अधिकारी, IESM ने की रिहाई की मांग
कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों का भाग्य अधर में लटका हुआ है।कतर में 90 से अधिक दिनों से कैद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों के बारे में इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (आईईएसएम) ने विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

कोलकाता, एजेंसी। इस समय जहां सभी की निगाहें कतर में चल रहे फुटबाल विश्व कप पर टिकी हैं, वहीं उस देश में 90 दिनों से अधिक समय से कैद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व कर्मियों के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट (आइइएसएम) ने अब भारत के विदेश मंत्री डा. एस जयशंकर को पत्र लिखकर पूर्व नौसैनिकों की रिहाई के लिए हस्तक्षेप की मांग की है।
पत्र की प्रतियां तीनों सेना प्रमुखों को भेजी गई
पत्र की प्रतियां प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री और तीनों सेना प्रमुखों को भी भेजी गई हैं। मेजर जनरल सतबीर सिंह (सेवानिवृत्त), अध्यक्ष आइइएसएम और सलाहकार यूनाइटेड फ्रंट आफ एक्स सर्विसमैन के अनुसार, पूर्व भारतीय नौसेना कर्मी दोहा में दाहरा ग्लोबल टेक्नोलाजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज के लिए काम कर रहे थे। इनका काम कतर नेवी के जवानों को ट्रेनिंग देना था।
सिंह ने ट्वीट कर कहा कि पूर्व नौसेना कर्मियों के परिवारों ने 30 अगस्त को उनसे संपर्क खो दिया। दोहा में उनके कार्यालय से परिवारों को पता चला कि उन्हें राज्य सुरक्षा ब्यूरो, आंतरिक मंत्रालय, कतर द्वारा आधी रात के आसपास उनके घरों से उठाया गया है। इन आठों को केवल एक बार तीन अक्टूबर को कान्सुलर एक्सेस प्रदान किया गया था, जब यह पता चला कि वे एकांत कारावास में हैं।
जासूसी का लगाया गया गलत आरोप
सूत्रों के अनुसार, भारत के एक पड़ोसी देश के इशारे पर उन पर जासूसी का गलत आरोप लगाया गया है। जिन जवानों को उठाया गया, उनमें भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मी कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कमांडर बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर सुगनाकर पाकला, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश शामिल हैं।
विदेश मंत्री को लिखे अपने पत्र में मेजर जनरल सिंह ने उल्लेख किया है कि कैसे आठों के परिवार उनके स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में चिंतित हैं। उन्होंने पत्र में केंद्र से उन सभी की रिहाई और जल्द से जल्द भारत वापसी सुनिश्चित करने की मांग की है। रिटायर्ड मेजर जनरल ने अपने एक ट्वीट में यह भी आशंका जताई है कि जब तक भारत सरकार तत्काल कार्रवाई नहीं करती, तब तक आठों को यातना का सामना करना पड़ सकता है।
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