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    Kolkata: शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर हाई कोर्ट के फैसले का किया स्वागत

    By Jagran NewsEdited By: Shashank Mishra
    Updated: Tue, 14 Mar 2023 08:56 PM (IST)

    बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनदीप धनखड़ ने राज्य के 24 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के मामले में अनियमितता की बात कही थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने उनकी सहमति के बिना ही ये नियुक्तियां की हैं।

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    ब्रात्य बसु ने कहा कि इस फैसले से राज्य सरकार को नहीं लगा है कोई झटका।

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। बंगाल के शिक्षा मंत्री ब्रात्य बसु ने राज्य के विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा- 'राज्य सरकार को इससे कतई धक्का नहीं लगा है बल्कि हम अदालत के फैसले से सहमत हैं कि राज्यपाल के हस्ताक्षर के बिना राज्य सरकार विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति नहीं कर सकती। राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कुछ दिन पहले ही कुछ कुलपतियों को तीन महीने के लिए पुनर्बहाल किया है। पिछले कुछ दिनों के दौरान कुलपतियों की नियुक्ति हुई हैं, वे राज्यापल की सहमति से ही हुई हैं।

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    राज्य सरकार ने उनकी सहमति के बिना ही ये नियुक्तियां की

    बंगाल के पूर्व राज्यपाल धनदीप धनखड़ ने राज्य के 24 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति के मामले में अनियमितता की बात कही थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार ने उनकी सहमति के बिना ही ये नियुक्तियां की हैं। ब्रात्य ने इसपर कहा कि उस समय परिस्थितियां अलग थीं। जगदीप धनखड़ के राज्यपाल रहते ऐसी कुछ समस्या पैदा हुई थी कि उस समय अलग तरह के निर्णय लिए गए थे।

    गौरतलब है कि मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव व न्यायाधीश राजर्षि भारद्वाज की खंडपीड ने अपने फैसले में कहा कि बंगाल के विश्वविद्यालयों में एकमात्र राज्यपाल ही कुलपति की नियुक्ति कर सकते हैं। राज्य सरकार के पास ऐसा करने का कोई अधिकार नहीं है। हाई कोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए गए सभी कुलपतियों को हटाने का भी निर्देश दिया है।

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