भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा- बिहार में न्यूनतम साझा कार्यक्रम चाहती है भाकपा माले
भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि बिहार विधानसभा में भाकपा (माले) के 12 विधायक हैं। पार्टी ने कहा कि वह नागरिकों की मांगों और राज्य में नई सरकार के बीच एक सेतु प्रदान करने का काम करेगी।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) ने बुधवार को कहा कि वह बिहार की नई सरकार को बाहर से समर्थन देने का वादा करने के साथ ही एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम की मांग कर रही है। बिहार विधानसभा में भाकपा (माले) के 12 विधायक हैं। पार्टी ने कहा कि वह नागरिकों की मांगों और राज्य में नई सरकार के बीच एक सेतु प्रदान करने का काम करेगी।
भाकपा (माले) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम प्रस्ताव कर रहे हैं कि नई सरकार का एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया जाए। उन्होंने बिहार में नई सरकार को बाहर से रचनात्मक और महत्वपूर्ण सहयोग देने का वादा किया। उन्होंने कहा कि पार्टी नीतिगत सूचनाएं मुहैया कराएगी और सरकार को नीति बनाने और लागू करने में मदद करेगी। उन्होंने कहा, यदि सरकार इस दिशा में भाजपा विरोधी सरकार के रूप में आगे बढ़ती है, तो निश्चित रूप से हमारा सहयोग होगा।
उल्लेखनीय है कि जदयू गुट की अगुवाई कर रहे नीतीश कुमार ने मंगलवार को भाजपा नीत एनडीए गठबंधन से नाता तोडऩे की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बुधवार को नीतीश ने राजद, कांग्रेस व वामदलों के समर्थन से गठित महागठबंधन की सरकार में बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। उनके साथ राजद के तेजस्वी यादव ने भी मंत्री पद की शपथ ली। वह सरकार में उपमुख्यमंत्री होंगे।
वहीं, महागठबंधन की सरकार के मुखिया के तौर पर शपथ लेने के तुरंत बाद नीतीश ने केंद्र की एनडीए सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 2014 में जो लोग आए थे, वह यह देख लें कि 2024 में रहेंगे कि नहीं। कुछ लोगों को लगता है कि विपक्ष खत्म हो जाएगा, तो हम भी आ गए हैं विपक्ष में। विपक्ष को मजबूत करेंगे। नीतीश ने देश के सभी विपक्षी दलों से एकजुट होने की भी अपील की।
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