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    Lalan Death Case: लालन शेख की मौत की जांच की निगरानी अब करेंगे डीआइजी रैंक के सीआइडी अधिकारी

    By Jagran NewsEdited By: Piyush Kumar
    Updated: Mon, 26 Dec 2022 05:55 PM (IST)

    कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआइडी) के एक उप महानिरीक्षक (डीआइजी) रैंक के अधिकारी सीबीआइ की हिरासत में हुई लालन शेख की मौत के मामले की जांच की निगरानी करेंगे।

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    Lalan Death Case: लालन शेख की मौत की जांच की निगरानी अब करेंगे डीआइजी रैंक के सीआइडी अधिकारी

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो: कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि बंगाल पुलिस के आपराधिक जांच विभाग (सीआइडी) के एक उप महानिरीक्षक (डीआइजी) रैंक के अधिकारी सीबीआइ की हिरासत में हुई लालन शेख की मौत के मामले की जांच की निगरानी करेंगे। लालन शेख बोगटूई नरसंहार का मुख्य आरोपित था। इसी साल मार्च में बीरभूम के रामपुरहाट थाना क्षेत्र के बोगटूई गांव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के नेता भादू शेख की हत्या का बदला लेना के लिए उसके अनुयायियों ने 10 लोगों को जिंदा जलाकर मार डाला था। बताया गया था कि लालन के नेतृत्व में ही इस नरसंहार को अंजाम दिया गया था।

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    फंदे से लटका मिला था लालन का शव

    लालन का शव 12 दिसंबर को रामपुरहाट में सीबीआई के अस्थाई कार्यालय के शौचालय में फांसी पर लटका मिला था। यह अस्थाई कार्यालय बोगतुई हत्याकांड की जांच के लिए बनाया गया है। हाईकोर्ट के निर्देश पर केंद्रीय जांच ब्यूरो इस नरसंहार की जांच कर रही है। सीबीआइ ने दावा किया कि शेख ने आत्महत्या की है लेकिन उसके परिवार ने आरोप लगाया कि पूछताछ के दौरान उसे पीट-पीटकर मार डाला गया है। पुलिस ने लालन पत्नी रेशमा बीबी की शिकायत के आधार पर सात सीबीआइ अधिकारियों को नामजद करते हुए हत्या का मामला दर्ज किया है।

    CBI ने उच्च न्यायालय का रुख किया

    सीबीआइ ने इस मामले में उच्च न्यायालय का रुख किया, जिसने आदेश दिया कि अधिकारियों के खिलाफ कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाना चाहिए। लालन की पत्नी रेशमा बीबी ने न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता की एकल-न्यायाधीश पीठ से कहा कि उसे नहीं पता कि शिकायत का मसौदा किसने तैयार किया था। अदालत में मौजूद एक वकील ने कहा कि किसी ने यह उसके लिए लिखा है। वह लिख नहीं सकती थी क्योंकि वह रो रही थी और उसके हाथ कांप रहे थे। जब पीठ ने सवाल किया कि पुलिस ने अभी तक बीबी का बयान दर्ज क्यों नहीं किया। तब वकील ने पीठ से कहा कि रेशमा अपने पति की मृत्यु के बाद मानसिक रूप से परेशान थी।

    मामले की अगली सुनवाई 5 जनवरी को

    सीबीआइ ने मामले को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के महानिदेशक या एजेंसी को स्थानांतरित करने की मांग की है। अदालत ने रेशमा बीबी और सीआइडी सहित सभी पक्षों को हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई पांच जनवरी को तय की। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने 25 मार्च को इस नरसंहार की सीबीआइ जांच का आदेश दिया था। 12 दिसंबर को हत्याकांड का मुख्य आरोपित लालन शेख सीबीआइ की हिरासत में फांसी पर लटका मिला था।

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