बांकुड़ा से नौ बार सांसद रहे माकपा नेता वासुदेव आचार्य का निधन, सीएम ममता बनर्जी ने जताया शोक
माकपा नेता और बांकुड़ा से नौ बार सांसद रहे वासुदेव आचार्य ने आज तेलंगाना के हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। काफी लंबे समय से वह कई बीमारियों से परेशान थे। माकपा के राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि वासुदेव की एक बेटी विदेश में रहती है उनके सिकंदराबाद आने के बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। वयोवृद्ध माकपा नेता और बांकुड़ा से नौ बार सांसद रहे वासुदेव आचार्य का आज निधन हो गया। सोमवार दोपहर को तेलंगाना के हैदराबाद के एक निजी अस्पताल में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। वह 81 वर्ष के थे। यह माकपा नेता लंबे समय से कई बीमारियों से पीड़ित थे। वासुदेव की मौत पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दुख जताया है।
2014 तक रहे संसद के सदस्य
वासुदेव का जन्म 11 जुलाई, 1942 को पुरुलिया में हुआ था। उन्होंने वहीं से अपनी शिक्षा पूरी की। वह छात्र जीवन में ही वामपंथी आंदोलन से जुड़ गए थे। वे विभिन्न प्रकार के आदिवासी आंदोलनों और साक्षरता अभियानों में पश्चिमांचल क्षेत्र के नेताओं में से प्रमुख थे।
वासुदेव 1980 में बांकुड़ा लोकसभा क्षेत्र से पहली बार सांसद चुने गए थे। इसके बाद वह लगातार 2014 तक वहां के सांसद रहे। वासुदेव रेलवे कर्मचारी के आंदोलन के भी प्रमुख चेहरे थे। 2014 के लोकसभा चुनाव में वह तृणमूल उम्मीदवार और अभिनेत्री मुनमुन सेन से हार गए थे।
1980 में पहली बार लड़ा चुनाव
वासुदेव लंबे समय तक माकपा केंद्रीय समिति और राज्य समिति के सदस्य रहे। 1980 के चुनाव में बांकुड़ा लोकसभा सीट से माकपा राज्य नेतृत्व बिमान बोस को उम्मीदवार बनाना चाहते थे, लेकिन बिमान ने तत्कालीन राज्य सचिव प्रमोद दासगुप्ता से कहा कि वह संगठन में रहना चाहते हैं। उस समय बिमान को बांकुड़ा के लिए उम्मीदवार ढूंढने का काम सौंपा गया था।
कई माकपा नेताओं का कहना है कि वासुदेव आचार्य दरअसल बिमान बसु की खोज थे। माकपा के राज्य सचिव और पोलित ब्यूरो सदस्य मोहम्मद सलीम ने कहा कि वासुदेव की एक बेटी विदेश में रहती है। वह मंगलवार को सिकंदराबाद पहुंचेंगी और इसके बाद ही दिवंगत नेता का अंतिम संस्कार किया जाएगा।
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