DA आंदोलकारियों को CM ममता बनर्जी की दो टूक, कहा- राज्य में काम; तो फिर केंद्र के अनुसार वेतनमान क्यों?
अलीपुर कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए ममता ने कहा कि केंद्र व राज्य की वित्तीय संरचना अलग है। केंद्र के पास रिजर्व बैंक है वे नोट छाप सकते हैं। लेकिन हमारे पास यह अधिकार नहीं है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्र सरकार के कर्मियों के बराबर महंगाई भत्ता (डीए) बढ़ाने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन कर रहे बंगाल सरकार के कर्मचारियों को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को एक बार फिर दो टूक संदेश दिया।
ममता ने सरकार की खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देते हुए स्पष्ट कहा कि राज्य में काम करके केंद्र के अनुसार वेतनमान व डीए चाहिए, तो यह देना संभव नहीं है। उन्होंने सवाल किया- राज्य में काम, तो फिर केंद्र के अनुसार वेतनमान क्यों?
हमें हमारा पैसा नहीं मिल रहा: ममता बनर्जी
अलीपुर कोर्ट में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए ममता ने कहा कि केंद्र व राज्य की वित्तीय संरचना अलग है। केंद्र के पास रिजर्व बैंक है, वे नोट छाप सकते हैं। लेकिन हमारे पास यह अधिकार नहीं है। राज्य की आर्थिक स्थिति खराब है। पहले बहुत टैक्स संग्रह कर पाते थे, लेकिन अब सिंगल टैक्स जीएसटी है।
उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सारा जीएसटी ले जाता है। हमें हमारा पैसा नहीं मिल रहा है। 100 दिनों के काम का भी 7,000 करोड़ रुपये बकाया है। इतने उधार के बावजूद अभी भी एक तारीख को हम सभी कर्मचारियों को वेतन और पेंशन देते हैं। कई राज्यों में समय से वेतन व पेंशन नहीं मिलता है।
हमने 125 प्रतिशत दिया डीए दिया: ममता बनर्जी
लेकिन उनकी सरकार ने छठे वेतन आयोग की सभी सिफारिशों को मानकर यथासंभव डीए दिया है। इसके बावजूद आप काम करेंगे राज्य का और केंद्रीय दर पर डीए मांगेंगे, ऐसा नहीं होता है।ममता ने दावा किया कि माकपा शासन की तुलना में उनके कार्यकाल में कर्मचारियों के वेतन में काफी सुधार हुआ है। जितना संभव हुआ है, उनकी सरकार ने कर्मचारियों को दिया है।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि माकपा के दौर में 33 प्रतिशत डीए दिया जाता था, हमने 125 प्रतिशत दिया है। ममता ने कहा कि मैं किसी का भी अधिकार छीनने के पक्ष में नहीं हूं। मैं अधिकार देने के लिए पक्ष में हूं। हम जो उचित है उसे देने की कोशिश करते हैं। ममता ने इस दौरान अलीपुर कोर्ट की बिल्डिंग के लिए 45 करोड़ रुपये देने की भी घोषणा की।
18 मार्च से डिजिटल स्ट्राइक करेंगे सरकारी कर्मचारी
बता दें कि ममता ने इससे पहले सात मार्च को विधानसभा में भी दो टूक कहा था कि प्रदर्शन करने वाले कर्मचारी उनका सिर भी काट दें, तब भी सरकार उन्हें अधिक डीए नहीं दे सकती। गौरतलब है कि बंगाल में कई कर्मचारी संगठन डीए की मांग को लेकर लगातार आंदोलन व पिछले चार हफ्ते से भूख हड़ताल कर रहे हैं।
10 मार्च को उन्होंने सभी सरकारी कार्यालयों में हड़ताल भी बुलाया था। इस बीच अब सरकारी कर्मचारियों ने 18 मार्च से डिजिटल स्ट्राइक यानी डिजिटल मोड में हड़ताल का आह्वान किया है। इसके तहत उन्होंने राज्य सरकार के सभी वाट्सऐप गु्रप छोडऩे और काम में कोई सहयोग नहीं करने का एलान किया है।
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