'पुलिस-अस्पताल प्रबंधन ने की सुबूत नष्ट करने की कोशिश', पीड़िता के माता-पिता बोले- सीएम जिम्मेदारी से नहीं बच सकतीं
आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई प्रशिक्षु महिला डाक्टर के माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस व अस्पताल के अधिकारियों ने वारदात से जुड़े सुबूत नष्ट करने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसकी जिम्मेदारी लेने से बच नहीं सकतीं। माता-पिता ने कहा-उन लोगों ने मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाने की कोशिश की वहीं सीबीआइ सभी अपराधियों को पकड़ने में विफल रही।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में दरिंदगी की शिकार हुई प्रशिक्षु महिला डाक्टर के माता-पिता ने आरोप लगाया कि पुलिस व अस्पताल के अधिकारियों ने वारदात से जुड़े सुबूत नष्ट करने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इसकी जिम्मेदारी लेने से बच नहीं सकतीं।
सीबीआइ सभी अपराधियों को पकड़ने में विफल रही
माता-पिता ने कहा-'उन लोगों ने मुख्य साजिशकर्ताओं को बचाने की कोशिश की, वहीं सीबीआइ सभी अपराधियों को पकड़ने में विफल रही और उसने इसमें बड़ी साजिश के पहलू को भी नजरंदाज कर दिया। कोलकाता पुलिस, अस्पताल प्रबंधन और तृणमूल कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों ने इस भयावह घटना को दबाने में सक्रिय भूमिका निभाई ताकि सच्चाई सामने न आ सके।
सुबूतों से छेड़छाड़ करने क्यों दिया गया
मुख्यमंत्री को यह बताना होगा कि अपराध स्थल को सील क्यों नहीं किया गया और वहां बड़ी संख्या में लोगों को प्रवेश करने व सुबूतों से छेड़छाड़ करने क्यों दिया गया? उन्हें यह भी बताना होगा कि नौ अगस्त की सुबह से दोपहर तक वहां घूम रहे 68 लोगों के वीडियो फुटेज से केवल एक व्यक्ति संजय राय को ही एकमात्र अपराधी क्यों माना गया?
वरिष्ठ तृणमूल नेता कुणाल घोष ने आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा-'ये टिप्पणियां कुछ ताकतों द्वारा प्रेरित लगती हैं, जो मुख्यमंत्री को बदनाम करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही कोलकाता पुलिस ने घटना के तुरंत बाद जांच शुरू कर दी थी और संजय राय को गिरफ्तार किया था।
दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई
मुख्यमंत्री ने कोलकाता पुलिस को जांच पूरी करने के लिए एक सप्ताह का समय दिया था लेकिन कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश पर जांच का जिम्मा सीबीआइ को सौंप दिया गया। राज्य पुलिस की जांच से हाल के दिनों में दुष्कर्म के अन्य मामलों में दोषसिद्धि सुनिश्चित की गई है और दोषियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई गई है।
आरजी कर कांड का घटनाक्रम
- 9 अगस्त, 2024 : आरजी कर अस्पताल के आपातकालीन विभाग की चौथी मंजिल के सेमिनार हाल से प्रशिक्षु महिला चिकित्सक का शव बरामद, पुलिस ने दर्ज किया मामला।
- 10 अगस्त : कोलकाता पुलिस ने आरोपित सिविक वालंटियर संजय राय को गिरफ्तार किया, जूनियर डाक्टरों ने शुरू किया विरोध-प्रदर्शन।
- 13 अगस्त : कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया, जांच का जिम्मा कोलकाता पुलिस से सीबीआइ को सौंपा।
- 14 अगस्त : मामले की जांच के लिए 25 सदस्यीय सीबीआइ टीम का गठन, फारेंसिक टीम भी बनाई गई।
- 14 व 15 अगस्त की दरमियानी रात : आरजी कर कांड के खिलाफ 'रिक्लेम द नाइट' अभियान के दौरान भीड़ ने आरजी कर अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ की।
- 18 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट ने लिया घटना का स्वत: संज्ञान।
- 21 अगस्त : सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय बलों को आरजी कर अस्पताल की सुरक्षा संभालने का दिया निर्देश
- 24 अगस्त : मुख्य आरोपित के साथ छह अन्य के लाई डिटेक्शन टेस्ट किए गए।
- 25 अगस्त : सीबीआइ ने अस्पताल के पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष समेत अन्य के आवास पर की छापामारी
- 2 सितंबर : संदीप घोष को अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार के आरोप में किया गया गिरफ्तार।
- 14 सितंबर : सीबीआइ ने संदीप घोष और एफआइआर दर्ज करने में देरी और सुबूत मिटाने के आरोप में टाला थाने के प्रभारी अभिजीत मंडल को किया गिरफ्तार।
- 3 अक्टूबर : न्याय की मांग पर भूख हड़ताल पर बैठे जूनियर डाक्टर।
- 7 अक्टूबर : संजय राय के खिलाफ सीबीआइ ने दाखिल की चार्जशीट
- 21 अक्टूबर : मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक के बाद जूनियर डाक्टरों ने खत्म की भूख हड़ताल
- 4 नवंबर : सियालदह कोर्ट में संजय राय के खिलाफ सीबीआइ ने आरोप तय किए।
- 11 नवंबर : सियालदह कोर्ट में मामले में ट्रायल शुरू हुआ।
- 12 नवंबर : चार्जशीट दाखिल करने में देरी के कारण अभिजीत मंडल और संदीप घोष को जमानत मिली
- 29 नवंबर : सीबीआइ ने अस्पताल में वित्तीय भ्रष्टाचार के मामले में 125 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की।
- 18 जनवरी : सियालदह कोर्ट ने दरिंदगी मामले में मुख्य आरोपित रहे संजय राय को दोषी करार दिया
- 20 जनवरी : आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।
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