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    Duare Sarkar Camp: घोला में दुआरे सरकार कैंप चलने के दौरान दो गुटों में संघर्ष, सात घायल

    By Babita KashyapEdited By:
    Updated: Sat, 11 Sep 2021 09:17 AM (IST)

    Duare Sarkar Camp दुआरे सरकार कैंप चलने के दौरान दो गुटों में संघर्ष में 7 लोग घायल हा गए। जिसके बाद कैंप की सेवा को बंद कर देना पड़ा। हालात काबू करने के लिए पुलिस के साथ ही कमिश्नरेट की ओर अतिरिक्त फोर्स को लगाना पड़ा।

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    दुआरे सरकार कैंप चलने के दौरान ही दो गुटों में संघर्ष को लेकर उत्तेजना

    कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पानीहाटी पालिका के 29 नंबर वार्ड के घोला पूर्वांचल डी-ब्लॉक में दुआरे सरकार कैंप चलने के दौरान ही दो गुटों में संघर्ष को लेकर उत्तेजना फैल गयी। दो पक्षों के संघर्ष में कुल 7 लोग घायल हो गये। हिंसा की घटना को देखते हुए कैंप की सेवा को इस दिन बंद कर देना पड़ा। परिस्थिति को संभालने के लिए घोला थाने की पुलिस के साथ ही कमिश्नरेट की ओर अतिरिक्त फोर्स को लगाना पड़ा। 

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    पुलिस ने मामले में तृणमूल नेता गौतम पाल को पकड़ लिया। मिली जानकारी के अनुसार इस दिन स्थानीय वार्ड कोआर्डिनेटर रूपाली विश्वास के नेतृत्व में कैंप की व्यवस्था की गयी थी जहां लोगों अपने-अपने काम को लेकर लाइन में लगे थे। बताया गया है कि कैंप के समाप्त होने के समय पर ही अचानक तृणमूल युवा कांग्रेस के अध्यक्ष गौतम पाल व युवा तृणमूल कर्मी बाबू विश्वास ने अपने दल-बल कैंप में घुसकर तांडव मचाना शुरू कर दिया। वहां तोड़फोड़ शुरू कर दी। उन्होंने जबरन कैंप को कुछ देर और चलाने का दबाव दिया।

    आरोप है कि कैंप में कर्मियों के साथ मारपीट की गयी। यहां तक कि महिलाओं को भी पीटा गया। इसे देखते हुए पार्षद रूपाली विश्वास जब वहां पहुंची तो अभियुक्तों ने उनके साथ भी मारपीट की ​जिसको लेकर दोनों पक्षों में संघर्ष हुआ जिसमें दोनों पक्षों के ही लोग घायल हुए। घटना को लेकर दमदम-बैरकपुर जिला तृणमूल के चेयरमैन व स्थानीय विधायक निर्मल घोष ने कहा कि इसदिन कैंप की समाप्ति का दिन था और 4 बजे के बाद जिनके फार्म जमा नहीं हो पाये थे उन्हें संबंधित कार्यालयों में फार्म जमा करने को कहा गया था।

    इसके बावजूद कुछ लोगों ने जबदस्ती दिखायी जिसको लेकर ही तनाव व मारपीट लग गयी हालांकि पुलिस ने इस पर तुरंत कार्रवाई की और गड़बड़ी करने वालों को पकड़कर थाना ले गये। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यों में कोइ राजनी​ति नहीं चलेगी, जो भी ऐसा करेगा उसके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई होगी। इस घटना को लेकर इलाके के लोग सकते में आ गये हैं। उनका कहना है कि इस तरह से सरकारी शिविर में हमले की कोई परिकल्पना नहीं कर पा रहा था। उन्होंने पुलिस की व्यवस्थाओं को लेकर भी सवाल खड़े किये। वहीं घटना के बाद से इलाके में फैली उत्तेजना को देखते हुए पिकेटिंग की गयी है।