Clash In Bengal: सीएए के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा, गोलीबारी में दो की मौत
Clash In Murshidabad. पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में सीएए के विरोध में हिंसा में दो लोगों की मौत हो गई।
कोलकाता, जागरण संवाददाता। Clash In Murshidabad. बंगाल में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में सुलग रही चिंगारी बुधवार को बारूद बन गई। मुर्शिदाबाद जिले के जलंगी क्षेत्र के साहेबगंज में सीएए के खिलाफ उग्र प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। भरी भीड़ में अचानक बम के गोले दगने लगे और गोली भी चली। अफरातफरी और हिंसक माहौल में दो लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में एक की पहचान अनिरूल इस्लाम के रूप में हुई है। दूसरे मरने वाले की पहचान समाचार लिखे जाने तक नहीं हो सकी थी।
इसी घटना में गोली लगने से मिजानूर रहमान नामक एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मिजानूर पेशे से ऑटो चालक है और वहां अपनी गाड़ी के साथ खड़ा था। उसके पैर में गोली लगी है। डॉक्टरों ने ऑपरेशन के बाद उसकी गोली निकाल दी है। इस घटना के बाद राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप भी शुरू हो गए हैं। सीएए और एनआरसी पर पहले भी कई हिंसक वारदातें हो चुकी हैं।
बंद के दौरान हुआ बवाल
भारतीय नागरिक मंच की ओर से सीएए-एनआरसी के प्रतिवाद में जलंगी बंद बुलाया गया था। लोग सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों ने सड़क अवरुद्ध कर दिया। तभी वहां कुछ लोग पहुंचे और कहा कि बंगाल में सीएए-एनआरसी नहीं होगा। तो सड़क पर अवरोध क्यों हो रहा है। इसी बात को लेकर तू तू मैं-मैं होने लगी। इतने में किसी ने गोली चला दी, जो अनिरूल नामक वृद्ध व्यक्ति को लगी और मौके पर ही उसकी मौत हो गई। इसके बाद हिंसा शुरू हो गई। खबर मिलते ही बड़ी संख्या में पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि सीएए को लेकर जलंगी में दो समूहों के बीच पहले बहस हुई थी, जो झड़प में तब्दील हो गई। बमबाजी और गोलीबारी भी हुई, जिसमें दो लोगों की मौत हुई है। एक घायल भी हुआ है, जिसे मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
कांग्रेस ने तृणमूल पर लगाया हमले का आरोप
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने हिंसा के लिए सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया। कहा कि साहब नगर इलाके में लोग सीएए और एनआरसी के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। अचानक टीएमसी के गुंडे वहां पहुंचे और हमला कर दिया। उनकी ओर से की गई बमबाजी और गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि चार घायल हुए हैं, जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
जगंली गोलीकांड पर कांग्रेस व तृणमूल ने लगाया एक-दूसरे पर आरोप
सीएएस व एनआरसी के प्रतिवाद में जलंगी में चली गोली और दो लोगों की मौत के पीछे तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष ताहिरुद्दीन का नाम सामने आ रहा है। कांग्रेस का आरोप है कि तृणमूल नहीं चाहती कि सीएए को लेकर उसके बिना कोई भी राजनीतिक दल आंदोलन करे। इस लिए उसके बिना ही आंदोलन शुरू किया गया, इसी लिए तृणमूल के ब्लॉक अध्यक्ष की अगुवाई में गोली चलाई गई। हालांकि ताहिरुद्दीन ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। उल्टे कांग्रेस पर ही लोगों पर हमला करने और वहां मौजूद वाहनों में तोड़फोड़ करने का आरोप लगाया। तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव पार्थ चटर्जी ने हिंसा में पार्टी के किसी भी सदस्य का हाथ नहीं होने का दावा किया है।
पार्क सर्कस में 23वें दिन भी प्रदर्शन जारी
सीएए के खिलाफ पार्क सर्कस मैदान इलाके में धरने पर बैठी 60 मुस्लिम महिलाओं का धरना 23वें दिन यानी बुधवार को भी जारी रहा। लोग उक्त मैदान को 'कोलकाता का शाहीन बाग' कहने लगे हैं। यहां गृहणियों से लेकर पेशेवर महिलाएं तक शामिल हैं। धरने पर बैठी महिलाओं में से एक परवीन नजीर का कहना है कि उनकी एकमात्र पहचान यह है कि वे लोग भारतीय हैं। हम महिलाएं किसी शक्ति से नहीं डरती हैं। जब तक सीएए और एनआरसी का फैसला वापस नहीं लिया जाता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।
भाजपा द्वारा उन्हें घुसपैठिए कहे जाने पर परवीन का कहना है कि वे लोग कई पीढ़ियों से यहां रह रहे हैं। सदियों से हिंदुओं के साथ दुर्गा पूजा व अन्य त्योहार में साथ रहते हैं। अब उन्हें अचानक घुसपैठिए का तमगा दिया जा रहा है, जो स्वीकार्य नहीं। जब तक सीएए और एनआरसी की फैसला वापस नहीं लिया जाता, आंदोलन जारी रहेगा।
हालीशहर में भी हो चुकी है हिंसक झड़प
गौरतलब हो कि 25 जनवरी को उत्तर 24 परगना जिले के हालीशहर में सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसक संघर्ष हो गया था, जिसमें कई लोग घायल हुए थे। वहीं, मंगलवार को निमता इलाके में भी इसी मुद्दे को लेकर हिंसा हुई थी, जिसमें चार लोग घायल हुए थे।