बंगाल में बढ़ रहा 'मोमो' का आतंक, ऐसे बचें इस गेम से
ऑनलाइन गेम मोमो का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। रोजाना नए-नए मामले सामने आ रहे हैं।
जागरण न्यूज नेटवर्क, कोलकाता। बंगाल में जानलेवा ऑनलाइन गेम 'मोमो' का आतंक दिन-ब-दिन बढ़ रहा है। रोजाना नए-नए मामले सामने आ रहे हैं। खासकर युवाओं को ही निशाना बनाने की कोशिश की जा रही है। जलपाईगुड़ी और कर्सियांग के बाद अब अलीपुरदुआर, उत्तर दिनाजपुर, कूचबिहार और उत्तर 24 परगना जिलों में मोमो ने दस्तक दी है। इसे देखते हुए सीआइडी सतर्क हो गई है और उसने जागरुकता अभियान चलाया है।
जानकारी के मुताबिक, अलीपुरदुआर के फालाकाटा में एक किशोर के मोबाइल पर मोमो का लिंक आया। किशोर का नाम नेहाल हुसैन है। वह जटेश्वर हाई स्कूल में 11वीं का छात्र है। उसने बताया कि उसके व्हाट्सएप पर मोमो की डरावनी डीपी लगे अज्ञात नंबर से मैसेज भेजकर इसे खेलने की चुनौती दी गई। उसने उस नंबर को ब्लाक कर दिया है। इसी तरह पश्चिम मेदिनीपुर के चंद्रकोना में एक छात्र के मोबाइल पर भी मैसेज आया। लिखा था-'आर यू रेडी टू प्ले दिस गेम?' गेम नहीं खेलने पर उसे 48 घंटे के अंदर नुकसान पहुंचाने की भी धमकी दी गई।
माथाभांगा कालेज में पढ़ने वाले उस छात्र ने भी समझदारी दिखाते हुए उस नंबर को ब्लॉक कर दिया। कुछ दिन पहले जलपाईगुड़ी में एक कॉलेज छात्रा के व्हाट्स एप पर भी मोमो चैलेंज आया था। लिखा था-'हाय, आई एम मोमो! शैल यू प्ले ए गेम?' छात्रा ने घबराकर अपने भैया को यह बात बताई थी, जिसके बाद भैया ने उस नंबर को ब्लॉक कर दिया था। कर्सियांग में हालांकि मोमो के एक छात्र को अपना शिकार बना लेने का संदेह है। मनीष नामक उस छात्र का शव उसके फार्म हाउस में गत 20 अगस्त को फंदे से लटकता बरामद हुआ था। फार्म हाउस की दीवारों पर कई नाम लिखे हुए थे, जिसे देखकर ही संदेह गहरा रहा है। मृतक के परिजनों का दावा भी है कि मनीष मोमो के फंदे में फंस गया था।
मोमो के बढ़ते आतंक को देखते ही सीआइडी हरकत में आई है। सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों, खासकर बच्चों और युवाओं को इस खेल के प्रति जागरुक किया जा रहा है। मोबाइल पर 'मोमो' खेलने की चुनौती मिलने पर अविलंब स्थानीय पुलिस थाने को सूचित करने को कहा गया है। सीआइडी से भी संपर्क करने को कहा गया है।
ऐसे बचें मोमो चैलेंज गेम से
- अपने वाट्सएप या मोबाइल फोन पर किसी अज्ञात नंबर पर बात न करें। न ही ऐसे नंबर को सेव करें।
- वाट्सएप नंबर सिर्फ विश्वसनीय लोगों को ही दें।
- यदि कोई आपको मोमो की फोटो भेजे या उससे संबंधित कोई काम करने को कहे तो नंबर को तुरंत ब्लॉक कर दें। कोई जवाब न दें। पुलिस को सूचित करें।
- मोमो चैलेंज गेम खेलने वाले दोस्तों से दूर रहें।
- माता-पिता बच्चों की देखरेख करते रहें कि वह इंटरनेट पर क्या कर रहे हैं। कोई संदिग्ध चीज पाए जाने पर बच्चों को तुरंत रोकें।
- यदि आपके बच्चो में व्यवहारिक, मनोवैज्ञानिक, असामान्य बदलाव या दबाव दिखाई दे तो तुरंत कारण जानने की कोशिश करें।
- बच्चों को इस तरह के खेल के खिलाफ सतर्क कर दें।
कैसे काम करता है मोमो चैलेंज गेम
इस गेम में यूजर के वाट्सएप पर अज्ञात नंबर से मैसेज भेजा जाता है। दोस्त बनाने का चैलेंज दिया जाता है। फिर बात करने का चैलेंज दिया जाता है। यूजर को डरावनी फोटो और वीडियो भेजा जाता है। उसे कुछ काम करने को दिया जाता है। जब वह मना करता है तो उसे तरह-तरह से डराकर जान से मारने की धमकी दी जाती है। बड़ी-बड़ी आंखों वाली बेहद डरावनी जापानी मोमो तस्वीर यूजर को डांटती है और कड़ी सजा देने की धमकी देती है। इससे यूजर डरकर उसका दिया सभी काम करने लगता है। अंत में उसे आत्महत्या का काम दिया जाता है। कुछ यूजर इसे भी काम मानकर सच में आत्महत्या कर लेते हैं।
कुछ अवसाद में आकर खुदकुशी जैसा कदम उठा लेते हैं। ज्यादातर किशोर इस खेल का शिकार बन रहे हैं। मोमो गुड़िया बेहद डरावनी दिखती है, जिसकी बड़ी-बड़ी आंखें बाहर की तरफ निकलती हुई नजर आती हैं। हाथों की जगह जानवर के दो पंजे बने हुए हैं। कुछ दिन पहले अर्जेंटीना में 12 साल की एक बच्ची ने मोमो चैलेंज गेम खेलते हुए आत्महत्या कर ली। मोमो गेम के फोन नंबर जापान, मेक्सिको और कोलंबिया से जुड़े होने की जानकारी मिली है। अर्जेंटीना सरकार ने ऐसे नंबर को नजरअंदाज करने का नोटिस जारी किया।