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    'मुर्शिदाबाद जैसी हिंसा रोकने के लिए केंद्र सरकार को...', बंगाल के राज्यपाल ने केंद्र को क्या दिया सुझाव

    Updated: Sat, 03 May 2025 11:34 PM (IST)

    मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के मद्देनजर बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने केंद्र को सुझाव दिया कि केंद्र न केवल मौजूदा स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए बल्कि कानून के शासन में लोगों का विश्वास जगाने के लिए संवैधानिक विकल्पों पर विचार करे। राजभवन सूत्रों के अनुसार मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक दंगों पर केंद्र सरकार को भेजी गई अपनी विशेष रिपोर्ट में राज्यपाल ने तीन सिफारिशें की हैं।

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    मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के मद्देनजर बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने केंद्र को सुझाव दिया।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता।  वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ मुर्शिदाबाद जिले में हुई हिंसा के मद्देनजर बंगाल के राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस ने इस तरह की घटना राज्य के अन्य जिलों में फैलने की आशंका जताते हुए केंद्र को आगाह किया है। सुझाव दिया कि केंद्र न केवल मौजूदा स्थिति पर अंकुश लगाने के लिए बल्कि कानून के शासन में लोगों का विश्वास जगाने के लिए संवैधानिक विकल्पों पर विचार करे।

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    राज्यपाल ने केंद्र से की तीन सिफारिशें 

    राजभवन सूत्रों के अनुसार, मुर्शिदाबाद में सांप्रदायिक दंगों पर केंद्र सरकार को भेजी गई अपनी विशेष रिपोर्ट में राज्यपाल ने तीन सिफारिशें की हैं। इसमें जब राज्य मशीनरी प्रभावी ढंग से काम करने में विफल हो जाती है, तो केंद्र सरकार को कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए सशक्त बनाने के लिए एक व्यापक कानून तैयार करना।

    जांच आयोग अधिनियम, 1952 के तहत एक जांच आयोग नियुक्त करना जो कथित चूक और चूक की घटनाओं की जांच करे और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय सुझाएगा। इसके अलावा संवेदनशील क्षेत्रों में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चौकियां स्थापित करने का सुझाव दिया गया है।

    11-12 अप्रैल को भड़की थी हिंसा

    मालूम हो कि 11-12 अप्रैल को मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। हिंसा के बाद राज्यपाल ने 18 और 19 अप्रैल को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा भी किया था।

    उन्होंने हिंसा से प्रभावित लोगों से बातचीत की और उनकी मांगों को सुना। राज्यपाल ने रिपोर्ट में उल्लेख किया है कि 22 अप्रैल तक राज्य प्रशासन द्वारा कुल 138 एफआइआर दर्ज की गई हैं और ¨हसा के लिए गिरफ्तारियों की कुल संख्या 300 को पार कर गई है।