बंगाल को मनरेगा के लिए फंड नहीं देगा केंद्र, राज्य पर 7,500 करोड़ रुपये बकाया
सर्वेक्षण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और दिशानिर्देशों के उल्लंघन का खुलासा हुआ था। वर्तमान में केंद्र सरकार पर राज्य के 7500 करोड़ रुपये बकाया हैं। केंद्र ने यह फैसला बंगाल प्रशासन के साथ 13 मार्च को हुई बैठक के बाद लिया है।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय बंगाल को वित्त वर्ष 2023-24 में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के बाबत फंड नहीं देगा। केंद्र ने बंगाल के मामले में लागू की गई मनरेगा की धारा 27 की मियाद बढ़ाने का फैसला किया है, जो राज्य द्वारा योजना के कार्यान्वयन में नियमों के उल्लंघन पर फंड को रोकने की अनुमति देता है। केंद्र ने जमीनी सर्वेक्षण के आधार पर दिसंबर, 2021 में यह नियम लागू किया था।
केंद्र सरकार पर राज्य के 7,500 करोड़ रुपये बकाया
सर्वेक्षण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और दिशानिर्देशों के उल्लंघन का खुलासा हुआ था। वर्तमान में केंद्र सरकार पर राज्य के 7,500 करोड़ रुपये बकाया हैं, जिनमें अकेले श्रमिकों की मजदूरी 2,744 करोड़ रुपये है। केंद्र ने यह फैसला बंगाल प्रशासन के साथ 13 मार्च को हुई बैठक के बाद लिया है।
राज्य सरकार ने एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की: अधिकारी
दूसरी तरफ राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया-'हमने मंत्रालय के प्रश्नों का उत्तर देते हुए पिछले साल सितंबर में एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। तब से हमें कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है कि वे धारा 27 को हटाने की योजना बना रहे हैं या नहीं।'
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के पास उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार राज्य ने 2021-22 में 36 करोड़, 2020-21 में 41 करोड़, 2019-2020 में 27 करोड़ और 2018-19 में 33 करोड़ व्यक्ति दिवस का उपयोग किया। गौरतलब है कि बंगाल देश का एकमात्र राज्य है, जिसके खिलाफ यह धारा लागू की गई थी।