केंद्र ने 100 दिनी रोजगार योजना में अनियमितता पर बंगाल सरकार पर लगाया करोड़ों रुपये का जुर्माना
बंगाल के दौरे पर आई केंद्रीय टीम ने हुगली जिला प्रशासन पर करीब दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी तरह पूर्व बर्धमान पर एक करोड़ रुपये से अधिक व मालदा व दार्जिलिंग जिला प्रशासनों पर क्रमशः 26 व 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्र ने 100 दिनी रोजगार योजना (100 day employment scheme) में अनियमितता को लेकर बंगाल सरकार (Bengal Governmemt) पर जुर्माना लगाया है। रोजगार योजना (Employment Scheme) का जायजा लेने बंगाल के दौरे पर आई केंद्रीय टीम ने हुगली जिला प्रशासन पर करीब दो करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इसी तरह पूर्व बर्धमान पर एक करोड़ रुपये से अधिक व मालदा व दार्जिलिंग जिला प्रशासनों पर क्रमशः 26 व 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
बीजेपी ने निष्पक्ष जांच की मांग की
केंद्रीय टीम ने अपने निरीक्षण में पाया कि कुछ क्षेत्रों में 100 दिनों के काम की स्थिति बेहद खराब है। कुछ क्षेत्रों में काम होने पर भी सड़कों का निर्माण व तालाबों की खुदाई नहीं हुई है। कुछ क्षेत्रों में कागजी तौर पर काम दिखाया गया है जबकि हकीकत में कुछ नहीं हुआ है।
विरोधी दल भाजपा का कहना है कि बंगाल में 100 दिनी रोजगार योजना में भ्रष्टाचार का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है। बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि 100 दिनी रोजगार योजना को लेकर बंगाल सरकार दिशाहीन है। योजना के तहत क्या काम हुआ है, इसकी निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए।
राज्य सरकार का भ्रष्टाचार से इंकार
दूसरी तरफ सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस का कहना है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायत राज्य मंत्री कपिल मोरेश्वर पाटिल अपने हालिया बंगाल दौरे के समय खुद कह चुके हैं कि उन्हें 100 दिनी रोजगार योजना में भ्रष्टाचार को लेकर कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।
राज्य के पंचायत मंत्री पुलक राय ने कहा कि कोरोना महामारी का 100 दिनी रोजगार योजना पर काफी असर पड़ा है। इस योजना के मामले में बंगाल कई साल देश में पहले स्थान पर रहा है। बंगाल दौरे पर आए केंद्रीय ग्रामीण विकास व पंचायत राज्य मंत्री भी रोजगार योजना के क्रियान्वयन को लेकर बंगाल सरकार की प्रशंसा कर चुके हैं। राय ने आगे कहा कि केंद्र ने इस बाबत रुपये देना बंद कर दिया है, जो सही नहीं है।
पंचायत विभाग के एक अधिकारी ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर कहा कि केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक आडिट, जिओ टैगिंग, मोबाइल एप का इस्तेमाल एवं समूह गठित कर नजरदारी, सबकुछ होता है इसलिए भ्रष्टाचार का कोई सवाल ही नहीं है।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।