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    मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की संपत्ति का पता लगाने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय पहुंची सीबीआइ

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Tue, 23 Aug 2022 12:28 PM (IST)

    केंद्रीय जांच एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में अनुब्रत से पूछताछ। दूसरी ओर केंद्र जांच एजेंसी की मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार अनुब्रत मंडल की शंकर ...और पढ़ें

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    तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की संपत्ति का पता लगाने के लिए रजिस्ट्री कार्यालय पहुंची सीबीआइ

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की संपत्ति का पता लगाने के लिए मंगलवार को केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआइ बीरभूम जिले के बोलपुर स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में पहुंची। जांच अधिकारियों ने तृणमूल नेता की संपत्ति से जुड़े विभिन्न दस्तावेजों को खंगाला तथा कार्यालय के अधिकारियों से बात की। वहीं दूसरी ओर जांच अधिकारियों ने कोलकाता के निजाम पैलेस स्थित केंद्रीय जांच एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में अनुब्रत से पूछताछ की।

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    गौरतलब है कि मवेशी तस्करी के मामले की जांच कर रही सीबीआइ को मंडल की अकूत संपत्ति के बारे में पता चला है। इसमें कई चावल मिलें, पत्थर तोड़ने की फैक्ट्रियां, मत्स्य पालन केंद्र, कृषि जमीन, मकान आदि शामिल हैं। सोमवार को बीरभूम जिले में एक और चावल मिल पर छापा मारा, जिसमें कथित तौर पर इस मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस के बाहुबली नेता अनुब्रत मंडल के रिश्तेदारों की हिस्सेदारी है। यह मिल भुबंदंगा सुकांता पल्ली में 10 बीघे से अधिक भूमि के क्षेत्र में स्थित है।

    सीबीआइ ने रविवार को बंगाल में मवेशी तस्करी के मामले में तृणमूल कांग्रेस के बीरभूम जिलाध्यक्ष और हैवीवेट नेता अनुब्रत मंडल के करीबी बोलपुर नगर निगम के कर्मचारी विद्युत वरण गायेन के घर पर छापा मारा था। विद्युत वरण का बोलपुर के कालिकापुर में दो मंजिला मकान है। सूत्रों के मुताबिक वह अनुब्रत मंडल की बेटी सुकन्या मंडल की दो कंपनियों के निदेशक हैं।

    वहीं दूसरी ओर केंद्र जांच एजेंसी की मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की शंकर नामक एक और राइस मिल पर नजर है। यह मिल फिलहाल बंद है। पिछले दिनों सीबीआइ ने मंडल की भोले बम राइस मिल पर छापामारी अभियान चलाया था। यहां से कई महंगी कारें बरामद हुई थीं।

    सीबीआइ ने तलाश अभियान के दौरान कथित तौर पर मंडल और अन्य फर्जी नामों के नाम पर सात बैंकों में 17 करोड़ से अधिक के धन सहित कई चल और अचल संपत्तियों का भी खुलासा किया था। सूत्रों ने दावा किया कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले मंडल के पास पिछले आठ वर्षों से संपत्ति में काफी ज्यादा इजाफा हुआ है।