Kolkata: बंगाल में तीन हाईप्रोफाइल मामलों की जांच में और अधिकारियों को शामिल कर सकती है सीबीआइ
सीबीआइ के अतिरिक्त निदेशक अजय भटनागर ने एक दिन के कोलकाता दौरे में जांच की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान जांच में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को उन्होंने कई अहम दिशा-निर्देश दिए। सीबीआइ के शीर्ष अधिकारी बंगाल से संबंधित मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआइ) बंगाल में कोयले की तस्करी, मवेशियों की तस्करी और सरकारी स्कूलों में भर्ती में अनियमितताओं से संबंधित तीन हाई-प्रोफाइल मामलों की जांच कर रही टीमों में अतिरिक्त अधिकारियों की तैनाती कर सकती है। सूत्रों ने बताया कि सीबीआइ के अतिरिक्त निदेशक अजय भटनागर ने मंगलवार शाम कोलकाता में बैठक के दौरान इन मामलों की जांच कर रही अलग-अलग टीमों के शीर्ष अधिकारियों के साथ बातचीत में इसके संकेत दिए।
अधिकारियों को कई अहम दिशा-निर्देश दिए गए
भटनागर तीनों मामलों में केंद्रीय एजेंसी की जांच की प्रगति की विशेष समीक्षा करने, प्रक्रिया में कमियों की पहचान करने और जांच की गति को तेज करने के तरीके सुझाने के लिए एक दिन के कोलकाता दौरे पर थे। इस दौरान जांच में तेजी लाने के लिए अधिकारियों को उन्होंने कई अहम दिशा-निर्देश दिए।
दरअसल, बंगाल में शिक्षकों और गैर शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में करोड़ों रुपये के घोटाले की जांच कर रहे सीबीआइ के विशेष जांच दल में इस सप्ताह सात अतिरिक्त अधिकारियों को शामिल किए जाने से यह स्पष्ट हो गया था कि सीबीआइ के शीर्ष अधिकारी बंगाल से संबंधित मामलों को गंभीरता से ले रहे हैं।
उस एसआइटी में एक अधीक्षक, तीन उपाधीक्षक, दो निरीक्षक और एक उपनिरीक्षक को शामिल किया गया है। ये वर्तमान में दिल्ली, भुवनेश्वर, धनबाद, भोपाल और विशाखापत्तनम में सीबीआइ के कार्यालयों में तैनात हैं।
हाईप्रोफाइल मामलों में जांच की गति होगी तेज
सीबीआइ के सूत्रों ने कहा कि अतिरिक्त निदेशक द्वारा दिए गए संकेतों के अनुसार, शीर्ष अधिकारी कोयला तस्करी और मवेशी तस्करी घोटालों की जांच करने वाली टीमों के लिए भी अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती करने में संकोच नहीं करेंगे, ताकि इन हाईप्रोफाइल मामलों में जांच की गति तेज हो सके।
बता दें कि हाल ही में सीबीआइ को कई मामलों में अपनी धीमी गति से जांच के लिए कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीशों के रोष का सामना करना पड़ा था, विशेष रूप से शिक्षक और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की भर्ती में घोटाले से संबंधित मामले में। दरअसल, घोटाले की जांच कर रही सीबीआइ की टीमें भी जांच के दौरान अधिक प्रभावशाली व्यक्तियों के नाम सामने आने के मद्देनजर कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रही थीं।
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