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    सीबीआइ ने चिटफंड मामले में चार लोगों को किया गिरफ्तार, ओडिशा के लोगों को मुनाफा दिखाकर लिए थे 565 करोड़

    By JagranEdited By: Vijay Kumar
    Updated: Wed, 28 Sep 2022 07:24 PM (IST)

    कोलकाता में कंपनियों के तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार सुभा कुमार बनर्जी एक कंपनी के तत्कालीन संस्थापक निदेशक लक्ष्मण श्रीनिवासन सहित दो अन्य लोगों को गिर ...और पढ़ें

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    इस पूरे मामले को लेकर ओडिशा के बालासोर जिले में केस दर्ज किया गया था।

     राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीबीआइ ने कोलकाता से चिटफंड मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। जिन चार लोगो की गिरफ्तारी की गई है, उनमें निजी कंपनियों के एक संस्थापक निदेशक समेत दो क्षेत्रीय प्रबंधक शामिल हैं। इन पर गैरकानूनी तरीके से 565 करोड़ रुपये की रकम लेने करने का आरोप है, जो कि इन लोगों ने ओडिशा में लोगों को मुनाफे का वादा कर लिया था। एजेंसी सूत्रों के मुताबिक कोलकाता में कंपनियों के तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार सुभा कुमार बनर्जी, एक कंपनी के तत्कालीन संस्थापक निदेशक लक्ष्मण श्रीनिवासन सहित दो अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

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    ओडिशा के लोगों को दिखाया बड़े मुनाफे का सपना

    सीबीआइ ने जिन चारों लोगों को गिरफ्तार किया है, उन्होंने फर्जी तरीके से ओडिशा के लोगों को बड़े मुनाफे का सपना दिखाकर ठगी की थी। दरअसल इस मामले को लेकर के साल 2014 में मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसकी जांच सीबीआइ को दे दी गई थी। चारों गिरफ्तार किए गए लोग कथित तौर पर पोंजी योजना से जुड़े हुए थे। इन लोगों ने कथित तौर पर ओडिशा के जिन लोगों से पैसा इक_ा किया था, उन्हें ज्यादा से ज्यादा मुनाफा देने की बात कही थी।

    इसकी जांच सीबीआइ ने बाद में अपने हाथ ले ली थी

    इस पूरे मामले को लेकर ओडिशा के बालासोर जिले में केस दर्ज किया गया था। इसकी जांच सीबीआइ ने बाद में अपने हाथ में ले ली थी। जिस समय का यह मामला है, उस वक्त कंपनी के तत्कालीन डिप्टी रजिस्ट्रार ने कथित तौर पर इन्फिनिटी रियलकान लिमिटेड और उसके प्रबंध निदेशक प्रणब मुखर्जी के अवैध जमा संग्रह व्यवसाय की सुविधा प्रदान की थी। सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के अनुपालन में सीबीआइ ने साल 2014 में एक प्राइवेट कंपनी के उस वक्त रहे प्रबंध निदेशक और कुछ अन्य के खिलाफ जांच शुरू की थी।