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    कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनिमा नाथ नामक शिक्षिका के तबादले पर लगाई अंतरिम रोक, न्यायाधीश ने जाहिर की नाराजगी

    By Vijay KumarEdited By:
    Updated: Wed, 15 Sep 2021 10:38 PM (IST)

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनिमा नाथ नामक शिक्षिका के तबादले पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने मामले पर सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष के अधिवक्ता से सवाल किया कि किस आधार पर उक्त शिक्षिका का तबादला किया गया है।

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    कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनिमा नाथ नामक शिक्षिका के तबादले पर अंतरिम रोक लगा दी है।

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कलकत्ता हाईकोर्ट ने अनिमा नाथ नामक शिक्षिका के तबादले पर अंतरिम रोक लगा दी है। न्यायाधीश सौगत भट्टाचार्य ने मामले पर सुनवाई के दौरान सरकारी पक्ष के अधिवक्ता से सवाल किया कि किस आधार पर उक्त शिक्षिका का तबादला किया गया है। सरकारी पक्ष के अधिवक्ता इसका संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। इसपर न्यायाधीश ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राज्य सरकार की तबादले को लेकर कोई निर्दिष्ट नीति नहीं है। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि 30 नवंबर तक शिक्षिका का तबादला नहीं किया जा सकेगा।

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    गौरतलब है कि गत 19 अगस्त को अनिमा नाथ समेत कई शिक्षिकाओं के तबादले का राज्य सरकार की ओर से निर्देश जारी किया गया था। अनिमा नाथ का हुगली से मुर्शिदाबाद जिले में तबादला कर दिया गया था। अनिमा ने इसका विरोध करते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। उन्होंने कहा था कि अनैतिक तरीके से उनका तबादला किया गया है। उन्हें ठेका आधार पर सामान्य वेतन मिलता है। इस वेतन पर घर से इतनी दूर जाकर काम करना संभव नहीं है। गौरतलब है कि तबादले के खिलाफ अनिमा नाथ समेत पांच शिक्षिकाओं ने बीते दिनों विकास भवन के सामने जहर खाकर खुदकुशी का प्रयास किया था। उसे लेकर भी हाईकोर्ट में मामला चल रहा है, जिसपर अगले सप्ताह सुनवाई की संभावना है।

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    'दुआरे राशन' प्रकल्प पर रोक लगाने की याचिका खारिज

    कलकत्ता हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को राहत देते हुए 'दुआरे राशन' प्रकल्प पर रोक लगाने को दायर की गई याचिका खारिज कर दी है। इसके साथ ही इस प्रकल्प के शुरू होने में आ रहीं कानूनी अड़चनें भी दूर हो गई हैं। गौरतलब है कि दुआरे राशन की घोषणा तृणमूल कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में की थी। इस प्रकल्प के तहत राज्य के 3000 से भी अधिक राशन डीलर लाए जाएंगे। राशन डीलरों के एक वर्ग ने इसके खिलाफ हाईकोर्ट में मामला करते हुए कहा था कि यह प्रकल्प केंद्र सरकार के कानून के खिलाफ है। राज्य में दुआरे राशन प्रकल्प शुरू करने के लिए पर्याप्त आधारभूत संरचना भी नहीं है।न्यायाधीश अमृता सिन्हा ने मामले पर सुनवाई करते हुए उनकी याचिका को खारिज कर दिया।