कलकत्ता HC ने शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शून्य नंबर हासिल करने वाले शिक्षकों के स्कूल में प्रवेश पर लगाई रोक
कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में ऐसे शिक्षकों का स्कूल में प्रवेश रोकने का आदेश दिया है जिन्हें शिक्षक नियुक्ति पात्रता परीक्षा में जीरो नंबर मिले थे लेकिन गैरकानूनी तरीके से उन्हें शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है।

कोलकाता,राज्य ब्यूरो: एक ओर जहां बंगाल के शिक्षक नियुक्ति भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार राज्य के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत विशेष सीबीआइ कोर्ट ने 14 दिनों के लिए और बढ़ा दी तो वहीं दूसरी ओर कलकत्ता हाई कोर्ट ने गुरुवार को अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में ऐसे शिक्षकों का स्कूल में प्रवेश रोकने का आदेश दिया है जिन्हें शिक्षक नियुक्ति पात्रता परीक्षा में जीरो नंबर मिले थे लेकिन गैरकानूनी तरीके से उन्हें शिक्षक के तौर पर नियुक्त किया गया है। ऐसे कई शिक्षकों की सूची सीबीआइ ने कोर्ट को सौंपी थी जिसके बाद न्यायाधीश विश्वजीत बसु की एकल पीठ ने यह फैसला सुनाया है।
CBI ने जीरो नंबर हासिल करने वाले शिक्षकों सौंपी सूची
जानकारी के मुताबिक, सीबीआइ की ओर से कुल 1698 ऐसे शिक्षकों की सूची हाईकोर्ट में सौंपी गई है जिनहें शिक्षक नियुक्ति पात्रता परीक्षा में जीरो नंबर मिले थे। जब सीबीआइ के अधिवक्ता ने कोर्ट में इस बारे में जिक्र किया तो न्यायाधीश ने आश्चर्य जाहिर करते हुए कहा, 'थोड़ा जोर जोर से बताइए ताकि सारे लोग समझ सकें कि क्या हुआ है। सर्वनाश! जीरो नंबर मिला है फिर भी सरकारी नौकरी मिल गई'। नौवीं और दसवीं श्रेणी में हुई इस नियुक्ति को लेकर न्यायाधीश ने गुरुवार को ही माध्यमिक शिक्षा परिषद को यह बताने का आदेश दिया है कि सीबीआइ की सूची में शामिल ऐसे सारे शिक्षक किन स्कूलों में नौकरी कर रहे हैं उसकी जानकारी दी जाए।
तत्काल प्रभाव से स्कूल में प्रवेश पर रोक
इसके साथ ही कोर्ट ने ऐसे शिक्षकों को तत्काल प्रभाव से स्कूल में घुसने से रोकने का आदेश दिया गया है। न्यायाधीश ने कहा कि 'पता नहीं इतने दिनों से इन लोगों ने स्कूल का क्या हाल कर रखा होगा'। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे जो भी शिक्षक हैं उन्हें अपने सारे वेतन लौटाने होंगे और इनकी नौकरी रद्द होगी। राज्य के महाधिवक्ता सौमेंद्रनाथ मुखर्जी को न्यायाधीश ने कहा कि शिक्षा विभाग को हिसाब लगाने को कहिए कि इन शिक्षकों को वेतन के तौर पर कितनी राशी दी गई है। उसे वापस ली जाए।
शिक्षकों से वेतन वापस मांगा
न्यायाधीश के इस आदेश के बाद माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधिवक्ता ने एक दिन का समय मांगा। उन्होंने कहा कि इतने लोगों की सूची है। इसे एक दिन में सूचीबद्ध कर पाना संभव नहीं है। हालांकि न्यायाधीश ने उनका आवेदन स्वीकार नहीं किया और कहा कि आज के डिजिटल जमाने में एक क्लिक में सारे तथ्य सामने आ जाते हैं। ये जितने भी फर्जी शिक्षक नौकरी कर रहे हैं इनके बारे में पूरी जानकारी कोर्ट में आज ही चाहिए।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।