'बंगाल को बांग्लादेश जैसा बनाना चाहती हैं ममता बनर्जी', भाजपा का बड़ा हमला; कहा- हिम्मत है तो...
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बीएसएफ को लेकर दिए गए बयान पर घिरती नजर आ रही हैं। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने उन पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा कि ममता बंगाल को बांग्लादेश जैसा बनाना चाहती हैं इसलिए वह सीमा पर देश की सुरक्षा करने वाली बीएसएफ पर बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। पढ़ें क्या है पूरा मामला।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह ने शुक्रवार को सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी की कड़ी आलोचना की। कहा कि ममता बंगाल को बांग्लादेश जैसा बनाना चाहती हैं, इसलिए वह सीमा पर देश की सुरक्षा करने वाली बीएसएफ पर बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं।
कोलकाता दौरे के दूसरे दिन यहां राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएनएफईटी) के 87वें स्थापना दिवस समारोह से बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेशी मुसलमानों और रोहिंग्याओं को बंगाल में बसाया जा रहा है। उनकी संख्या स्थानीय मुस्लिम आबादी से भी ज्यादा हो गई है।
ममता को दी चुनौती
चुनौती दी कि अगर ममता में थोड़ी भी हिम्मत है तो उन्हें बंगाल में एनआरसी और सीएए लागू करना चाहिए। मालूम हो कि ममता ने एक दिन पहले राज्य सचिवालय बैठक में आरोप लगाया था कि केंद्र के इशारे पर बीएसएफ बंगाल को अस्थिर करने के इरादे से अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए बांग्लादेशी नागरिकों व आतंकियों का घुसपैठ करा रही है। कहा था कि अगर बीएसएफ ऐसी गतिविधियों को बढ़ावा देना जारी रखती है तो तृणमूल कांग्रेस उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन करेगी।
वहीं टीएमसी के नेता ममता के इस बयान का बचाव करने नजर आए। तृणमूल कांग्रेस की नेता और राज्यसभा सांसद डोला सेन ने ममता बनर्जी के बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) बांग्लादेश से आतंकवादियों और घुसपैठियों को राज्य में घुसने में मदद कर रहा है।
सीमा की जिम्मेदारी सुरक्षा बल की: सेन
सेन ने एएनआई से कहा, 'मुख्यमंत्री ने केवल वही बातें कही हैं, जो उनके ज्ञान में हैं और जिन्हें वह सही मानती हैं।' सेन ने कहा कि सीमा की जिम्मेदारी पूरी तरह सुरक्षा बल की है, न कि राज्य सरकार की। सेन ने कहा, 'यह कोई आश्चर्यजनक बात नहीं है। सभी जानते हैं कि सीमा की देखभाल बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) करता है। अगर केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी इस मुद्दे पर बात करना चाहती है तो यह बीएसएफ की जिम्मेदारी है, न कि राज्य सरकार की।'
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