मुर्शिदाबाद में फिर भड़की हिंसा, उपद्रवियों ने TMC नेता के भाई की दुकान फूंकी; भाजपा ने ममता सरकार को घेरा
केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री व बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने बुधवार को मुर्शिदाबाद ङ्क्षहसा के 11 पीड़ितों के साथ राज्य पुलिस मुख्यालय भवानी भवन जाकर पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार से मुलाकात की। सुकांत ने दावा किया कि मस्जिद से लाउडस्पीकर से हिंसा फैलाने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा कि हिंसा पीड़ितों ने उन्हें यह बात बताई है।

राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। मुर्शिदाबाद के धुलियान में बुधवार को फिर हिंसा भड़क गई। उपद्रवियों ने तृणमूल कांग्रेस नियंत्रित नगर पालिका के वाइस चेयरमैन के भाई की दुकान में आग लगा दी। हालांकि पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर हालात को नियंत्रित कर लिया।
वहीं मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों के निवासियों का दावा है कि वक्फ अधिनियम का विरोध करने के नाम पर बाहरी लोगों ने घरों, मंदिरों और दुकानों को नुकसान पहुंचाया। बाहरी लोगों ने हिंदुओं और मुसलमानों दोनों के घरों में तोड़फोड़ की। उनकी दुकानों को लूटा। बता दें कि हिंसा में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
500 परिवारों ने छोड़ा था घर
- वहीं मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे है। शमशेरगंज को छोडक़र अन्य इलाकों में इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गईं। अशांत इलाकों में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा हालात के अनुसार जारी रहेगी।
- पिछले सप्ताह हिंसा के बाद मुर्शिदाबाद में लगभग 500 परिवार अपने घर छोड़कर चले गए और उनमें से प्रशासन पिछले कुछ दिनों के दौरान 200 परिवारों की उनके घरों में वापसी सुनिश्चित करने में सक्षम रहा है।
- नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी का आरोप है कि मुर्शिदाबाद जिले की टीएमसी नियंत्रित धुलियान नगर पालिका के अध्यक्ष मोहम्मद इंजामुल हक के भडक़ाऊ और जहरीले भाषण के बाद हिंसा भडक़ उठी। उसने सीधे तौर पर दंगे भडक़ाने के लिए अपनी शक्ति का दुरुपयोग किया और उसने स्वयं ही हिंसक हमलों का नेतृत्व किया। सुवेंदु कहा कि उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और इस जघन्य अपराध के लिए कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
सुकांत मजूमदार ने लगाए आरोप
राजीव कुमार से मुलाकात से पहले बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत ने हिंसा पीड़ितों के साथ करीब दो घंटे तक वहां धरना दिया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीएसएफ पर हिंसा फैलाने में मदद करने के आरोप पर उन्होंने पलट जवाब देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बेतुकी बातें कर रही हैं। उनके पास इसका कोई प्रमाण नहीं हैं। एक साथ इतने लोग बीएसएफ की मदद से सीमा पार से आकर हिंसा नहीं फैला सकते। दरअसल इसके पीछे स्थानीय गांवों के लोगों का हाथ है। उन्होंने स्थानीय मस्जिद के इमाम के कहने पर हिंसक वारदातों को अंजाम दिया।
सुकांत ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री बीएसएफ से इसलिए नाराज है कि उसने ङ्क्षहदुओं की जान बचाई। सुकांत के साथ बैठे हिंसा पीडि़तों ने कहा कि बीएसएफ नहीं होती तो वे जिंदा नहीं बचते। उन्होंने कहा कि राजीव कुमार पिछले शनिवार को मुर्शिदाबाद के हिंसाग्रस्त इलाकों में गए थे लेकिन उन्होंने शरणार्थी शिविरों में रह रहे हिंसा पीडि़तों से मुलाकात नहीं की। मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच को लेकर पुलिस ने अब तक कोई रिपोर्ट भी पेश नहीं की है।
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