कोलकाता के दुर्गापूजा को यूनेस्को से मिली मान्यता का जश्न मनाएगी भवानीपुर 75 पल्ली दुर्गोत्सव समिति
हानगर की प्रमुख दुर्गोत्सव समितियों में शामिल भवानीपुर 75 पल्ली कोलकाता की दुर्गापूजा को यूनेस्को से मिली मान्यता का जश्न मनाएगी। भारी उत्साह के साथ रविवार को भवानीपुर 75 पल्ली की खूंटी पूजा संपन्न हुई। अवसर पर राज्य के परिवहन मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम मौजूद रहे।

कोलकाता, जागरण संवाददाता। महानगर की प्रमुख दुर्गोत्सव समितियों में शामिल भवानीपुर 75 पल्ली कोलकाता के दुर्गापूजा (Durga Puja of Kolkata) को यूनेस्को (UNESCO) से मिली मान्यता का जश्न मनाएगी। भारी उत्साह के साथ रविवार को भवानीपुर 75 पल्ली की खूंटी पूजा संपन्न हुई। इस अवसर पर राज्य के परिवहन मंत्री व कोलकाता के मेयर फिरहाद हकीम, बंगाल ओलंपिक एसोसिएशन के सचिव बाबुन बनर्जी, सामाजिक कार्यकर्ता कार्तिक बनर्जी, पार्षद संदीप रंजन बक्शी, असीम बसु व पापिया सिंह समेत अन्य विशिष्ट जन उपस्थित थे।
दुर्गापूजा आयोजन का 58वां साल
भवानीपुर 75 पल्ली के सचिव सुबीर दास ने बताया- यह हमारे दुर्गापूजा आयोजन का 58वां साल होगा। हमारी पूजा अभिनव पंडाल और सामाजिक कार्यों के लिए जानी जाती है। इस साल हमारा ध्यान कोलकाता की दुर्गापूजा को यूनेस्को से मिली मान्यता का जश्न मनाने पर केंद्रित होगा। यह जश्न किस तरह से मनाया जाएगा, हम इस बाबत राज्य सरकर से निर्देश मिलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, उसके बाद उसी तरह से हम अपने कार्यक्रम निर्धारित करेंगे।'गौरतलब है कि कोलकाता की दुर्गापूजा को यूनेस्को की मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है। इस सूची में शामिल किया गया यह एशिया का पहला त्योहार है।
विदेशों से भी लाखों श्रद्धालुओं के आने का अनुमान
सुबीर दास ने आगे कहा-'यूनेस्को से मान्यता मिलने के बाद इस साल विदेशों से बड़ी संख्या में लोगों के दुर्गापूजा देखने कोलकाता आने का अनुमान है। चूंकि कोरोना का खतरा अभी भी पूरी तरह से टला नहीं है इसलिए जिम्मेदार दुर्गापूजा आयोजक होने के नाते हम अपने यहां ज्यादा भीड़ जमा होने नहीं देंगे और कोरोना महामारी से संबंधित स्वास्थ्य संबंधी सभी दिशानिर्देशों का अक्षरश: पालन करेंगे। क्लब अपने सामजिक दायित्व के प्रति भी हमेशा सजग रहता है। हर साल की तरह इस बार भी दुर्गापूर्जा के समय गरीबों में कपड़े वितरित किए जाते हैं। इसके अलावा साल में विभिन्न समय रक्तदान व स्वास्थ्य परीक्षण शिविर इत्यादि का आयोजन किया जाता है। सर्दी के समय जरुरतमंदों में कंबल वितरित किए जाते हैं। गरीब बच्चों में पाठ्य पुस्तकें व अन्य पठन सामग्रियां भी बांटी जाती हैं।
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