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    बेंगलुरु मेट्रो को मिली देश की पहली चालक रहित ट्रेन, 18KM मार्ग पर रोजाना दौड़ेगी; जानिए क्यों है ये खास

    Updated: Mon, 06 Jan 2025 10:43 PM (IST)

    बेंगलुरु मेट्रो रेल कारपोरेशन को देश की पहली चालक रहित ट्रेन मिल गई है। इस ट्रेन का निर्माण बंगाल स्थित टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) ने किया है। मेड इन इंडिया के तहत बनी यह ट्रेन कई मायनों में खास है। यह ट्रेन बेंगलुरु में येलो लाइन पर दौड़ेगी। स्वचालित ट्रेन इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को बेंगलुरु के बाकी हिस्सों से जोड़ेगी।

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    बेंगलुरु मेट्रो को मिली पहली ड्राइवरलेस ट्रेन।

    राज्य ब्यूरो, जागरण, कोलकाता। बंगाल स्थित टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड (टीआरएसएल) ने सोमवार को अपना पहला चालक-रहित मेड-इन-इंडिया ट्रेनसेट बेंगलुरु मेट्रो रेल कारपोरेशन की येलो लाइन को सौंप दिया। यह देश में शहरी परिवहन व्यवस्था में मील का पत्थर है।

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    कंपनी ने बंगाल के हुगली जिले के उत्तरपाड़ा में अपनी मेट्रो विनिर्माण सुविधा संयंत्र में ट्रेनसेट (इंजन और बागियों का सेट) का विनिर्माण किया।

    18 किमी के मार्ग पर दौड़ेगी ट्रेन

    स्टेनलेस स्टील बॉडी वाली स्वचालित ट्रेन, इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी को बेंगलुरु के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाले 18 किलोमीटर के मार्ग पर दौड़ेगी। समारोह में डिजिटल माध्यम से शामिल हुए केंद्रीय आवास और शहरी विकास मामलों के मंत्री मनोहर लाल ने टीटागढ़ रेल सिस्टम्स की सराहना की। उन्होंने कहा कि हमारा मेट्रो परिचालन 1,000 किलोमीटर को पार कर गया है। यह भारत की शहरी परिवहन व्यवस्था में मील का पत्थर है।

    अमेरिका को पीछे छोड़ना लक्ष्य

    मनोहर लाल ने कहा कि भारत अब मेट्रो रेल में विश्वस्तर पर तीसरे स्थान पर है। हमारा लक्ष्य पांच साल के भीतर अमेरिका को पीछे छोड़ना है। इस मौके पर टीटागढ़ रेल सिस्टम्स के प्रबंध निदेशक उमेश चौधरी ने कहा कि ट्रेन में उन्नत स्वचालन प्रणाली है, जो इसे चालक-रहित मोड में संचालन को सक्षम बनाती है।

    भारत में बनी पहली मेट्रो ट्रेन

    कंपनी ने कहा कि यह बेंगलुरु मेट्रो की येलो लाइन के लिए पूरी तरह से भारत में विनिर्मित पहली मेट्रो ट्रेन और टीटागढ़ रेल सिस्टम्स लिमिटेड द्वारा पहला स्टेनलेस स्टील ट्रेनसेट है। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ स्वदेशीकरण में भारत की प्रगति और वैश्विक रेल विनिर्माण केंद्र के रूप में इसकी बढ़ती भूमिका को दर्शाता है। कंपनी अप्रैल तक येलो लाइन के लिए दो और ट्रेनसेट प्रदान करेगी। इसके बाद सितंबर तक प्रति माह दो ट्रेनसेट वितरित करने के लिए उत्पादन बढ़ाएगी।

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