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    बंगाली संगठन ‘बांग्ला पोक्खो’ ने भारतीय सेना में बंगाली रेजिमेंट के गठन की मांग उठाई

    By Priti JhaEdited By:
    Updated: Mon, 24 Jan 2022 10:41 AM (IST)

    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर की मांग। बंगाली संगठन ‘बांग्ला पोक्खो’ ने मांग उठाई कि नेताजी और बंगाल के अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को उचित श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय सेना में एक ‘बंगाली रेजिमेंट’ का गठन किया जाए

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    बंगाली संगठन ‘बांग्ला पोक्खो’ ने भारतीय सेना में बंगाली रेजिमेंट के गठन की मांग उठाई

    राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बंगाली संगठन ‘बांग्ला पोक्खो’ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर मांग उठाई है कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस और बंगाल के अन्य स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के योगदान को उचित श्रद्धांजलि देने के लिए भारतीय सेना में एक ‘बंगाली रेजिमेंट’ का गठन किया जाए। संगठन ने यह भी कहा कि सशस्त्र सेनाओं में शामिल होने के इच्छुक युवाओं को बंगाली भाषा में भर्ती परीक्षा देने का विकल्प दिया जाए। मोदी और सिंह को रविवार को लिखे पत्र में संगठन ने कहा, बंगाल के महान नेता सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर बंगालियों की मांग है कि भारतीय सेना में बंगाली रेजिमेंट का गठन किया जाए।

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    बांग्ला पोक्खो ने कहा कि सेना में बंगाली रेजिमेंट का गठन कर नेताजी और राज्य के उन योद्धाओं को उचित सम्मान दिया जा सकेगा जिन्होंने ब्रिटिश राज से देश को मुक्त कराने में भूमिका निभाई थी।

    बंगाल चुनाव से पहले अमित शाह ने नारायणी सेना बटालियन का किया था एलान

    बताते चलें कि इससे पहले पिछले साल बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कूचबिहार में एक चुनावी जनसभा के दौरान पैरा मिलिट्री फोर्स में नारायणी सेना के नाम से नई बटालियन बनाने का एलान किया था। दरअसल, उत्तर बंगाल में राजवंशी समुदाय का अच्छा असर है। ऐसे में शाह के इस ऐलान के सियासी मायने भी निकाले गए थे।

    शाह ने कहा था कि यहां नारायणी सेना ने मुगलों को रोका था। इसकी याद में नारायणी सेना के नाम से एक सीएपीएफ बटालियन बनाई जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा था कि हम पूर्वी जोन के सीएपीएफ ट्रेनिंग सेंटर का नाम चिला राय के नाम पर रखेंगे। बताते चलें कि चिला राय कूचबिहार साम्राज्य के राजा नारा नारायण के छोटे भाई थे। इससे पहले ममता बनर्जी ने भी तीन अलग-अलग पुलिस बटालियन (कूचबिहार में नारायणी, हिल्स के लिए गोरखा और आदिवासी इलाके के लिए जंगलमहल) का ऐलान करते हुए मास्टर स्ट्रोक खेला था।